यांगून, म्यांमार, 07 सितम्बर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ साफ कहा कि उनकी सरकार कठिन निर्णय लेने से हिचकती नहीं है। भारत के लोगों को विश्वास है कि भारत को बदला जा सकता है और हम अपनी व्यवस्था में प्रवेश कर चुकी कुछ बुराइयों से मुक्त हो सकते हैं।
वे बुद्धवार को म्यांमार के यांगून में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों से लोगों का सम्पर्क ही भारत-म्यांमार संबंधों की ताकत हैं।
यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री फ्यो मिन थेइन भी सभा में उपस्थित थे।
उन्होंने कहा ‘हम अपने देश में केवल सुधार ही नहीं कर रहे हैं बल्कि हम उसे बदल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत को गरीबी, आतंकवाद, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और जातिवाद से मुक्त बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप हजारों वर्षों की साझा संस्कृति एवं सभ्यता, भूगोल एवं इतिहास, भारत एवं म्यांमार के महान बेटे-बेटियों की आकांक्षाओं एवं उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।’ प्रधानमंत्री ने म्यांमार की समृद्ध आध्यात्मिक परंपराओं के बारे में विस्तार से बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय समुदाय भारत के लिए ‘राष्ट्र-दूत’ जैसा है। उन्होंने कहा कि योग की वैश्विक मान्यता प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धि है जो इसे दुनिया के सभी कोनों में ले जाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब मैं आपसे मिलता हूं तो मुझे लगता है कि विदेश में रहने वाले हमारे लोगों का भारत के सरकारी अधिकारियों के साथ संचार महज एकतरफा नहीं है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित कर रही है। अच्छा बुनियादी ढांचा अकेले सड़कों और रेलवे तक सीमित नहीं होता बल्कि उसमें कई अन्य पहलू भी शामिल होते हैं जो समाज में गुणात्मक बदलाव लाते हैं। जीएसटी देश भर में एक नई संस्कृति का विकास कर रही है।
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