सरकारी संस्थान धार्मिक रस्मों के आयोजन के स्थान नहीं : वीरभद्र

शिमला, 15 मई (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि सरकारी संस्थानों को धार्मिक रस्मों के आयोजन का स्थान नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी प्रकार की धार्मिक संस्था को सभाएं आयोजित करने की इजाजत नहीं है।

वीरभद्र ने कहा कि गत रविवार को रामपुर बुशैहर में विरोध प्रदर्शन के दौरान सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेवार लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को पाठशाला परिसर में जबरन घुसने की कोशिश करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वीरभद्र सिंह ने सोमवार को जिला शिमला के रामपुर उपमण्डल के ज्यूरी में विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रामपुर बुशैहर में धर्म के नाम पर भाजपा के कुछ समर्थक हुडदंग मे शामिल थे।

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं प्रदेश हित में नहीं हैं तथा राज्य में इस प्रकार की दहशतपूर्ण घटना पहले कभी नहीं हुई है। उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि साम्प्रदायिक हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धन अथवा अन्य प्रलोभन के माध्यम से धर्म परिवर्तन करवाना निंदनीय है तथा इसे व्यवसाय नहीं बनाना चाहिए। इस तरह के चलन पर अंकुश लगाया जाना चाहिए, क्योंकि प्रलोभन तथा धन से धर्म परिवर्तन करवाना अवैध व प्रतिबंधित है। धर्म परिवर्तन के लिए इच्छुक को जिला दण्डाधिकारी से स्वीकृति लेने के लिए निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना आवश्यक है। किसी भी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए उकसाना कानूनन जुर्म है।

हिमाचल प्रदेश देश का प्रथम राज्य है, जिसने धर्म परिवर्तन के विरूद्ध कानून लाया है और इसे सख्ती से लागू किया है।

उन्होंने कहा कि अनेक लोग चुनाव पास आते ही वफादारी का दिखावा कर दल बदलने में लग जाते हैं और लोगों को ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन लोगों का जनता से कोई सरोकार नहीं होता, बल्कि वे निजी स्वार्थ साधने में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों में प्रचलित दल बदलने का चलन लोकतांत्रिक व्यवस्था के हित में नहीं है।

(फाइल फोटो)