हिमाचल प्रदेश में सरकारी भूमि पर चलने वाले गौ सदनों (Gau Sadan) की भूमि को पशुपालन विभाग के नाम पर हस्तांतरित करके गौ सदन (Gau Sadan) चलाने वाली संस्था को लीज पर उपलब्ध करवाया जाएगा।
यह जानकारी पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने सोमवार को शिमला में आयोजित गौ सेवा आयोग (Gauseva Aayog) की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
- प्रदेश में गठित गौ सेवा आयोग द्वारा गौ सदनों (Gau Sadan) के निर्माण एवं रख-रखाव के लिए 8.75 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- दूसरी ओर सरकार ने 20 किलोवाट खपत वाले गौशालाओं, गौ सदनों (Gau Sadan) , गौ अभ्यारण्यों को घरेलू मीटर लगाने की अनुमति दे दी है।
- पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत ग्रामीणों द्वारा पशु छोड़ने पर उन्हें पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 3.93 करोड़ रुपये की राशि मंदिर ट्रस्ट निधि व अन्य निधि से उपायुक्तों द्वारा स्वीकृत की गई है।प्रदेश में इस उद्देश्य पर 8.40 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है।
जारी की गई राशि का विवरण इसप्रकार है :
- जिला सिरमौर के कोटला बडोग में गौ अभ्यारण के लिए 1.52 करोड़ रुपये
- जिला ऊना के थाना कलां के गौ अभ्यारण के लिए 1.70 करोड़ रुपये
- जिला सोलन के गौ अभ्यारण के लिए 2.97 करोड़ रुपये
- 1.64 करोड़ रुपये की राशि एचपीएसआईडीसी बद्दी को जारी कर दी गई
- जिला हमीरपुर के खेरी के गौ सदन (Gau Sadan) के लिए 2.56 करोड़ रुपये
- जिला कांगड़ा के इंदौरा के गौ सदन के लिए 3.55 करोड़ रुपये
- कंगैहन जयसिंहपुर के लिए 10 लाख रुपये
- जिला किन्नौर के राली में गौ सदन (Gau Sadan) के निर्माण के लिए 22 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण को लेकर पंचायतों, महिला मण्डलों, योग मण्डलों व स्वयं सेवा संस्थानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा इसके रखरखाव के लिए एक व्यक्ति को तैनात किया जाएगा।
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