नई दिल्ली, 29 मार्च | केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार किसानों को पेश आ रही चुनौतियों व समस्याओं के प्रति ‘संवेदनशील’ है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। किसानों की बद्तर होती हालत पर सदस्यों की चिंता पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मंत्री ने कहा, “केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह तथा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां किसानों के कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है।”
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की तृचि शिवा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी.राजा तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी ने संसद के ऊपरी सदन में किसानों से संबंधित मुद्दा उठाया।
येचुरी के मुताबिक, जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने वाले किसानों ने दावा किया है कि उन्हें चूहे खाकर जीवित रहने को विवश किया गया।
माकपा नेता ने कहा, “मैं उनसे मिलने गया था। उन्होंने मुझे जिंदा चूहे दिखाते हुए कहा कि इसी को खाकर हम जिंदा हैं।” उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उनका कृषि ऋण माफ किया जाए। यह गंभीर मुद्दा है।
राजा ने कहा, “ऋण माफी जरूरी है..नहीं तो हालात बद से बद्तर हो जाएंगे।”
शिवा तथा अन्य सदस्यों ने सरकार से नदियों को जोड़ने की परियोजना में तेजी लाने को कहा, ताकि सिंचाई से संबंधित समस्याओं का निदान हो सके।
सवालों का सीतारमण द्वारा जवाब दिए जाने के बाद सदस्य एक बार फिर अपनी सीटों पर उठ खड़े हुए और उपसभापति पी.जे.कुरियन से आग्रह किया कि किसानों की कर्ज माफी की उनकी मांग पर वह मंत्री को टिप्पणी करने का निर्देश दें।
उसके बाद कुरियन ने कहा कि इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दे पर अन्य मंत्रियों से परामर्श किए बिना मंत्री बयान नहीं दे सकते। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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