नई दिल्ली, 29 जुलाई | केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि साइबर हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं और साइबर अपराधी संगठनों को निशाना बना रहे हैं, ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर इससे (साइबर अपराध) समझौता नहीं किया जा सकता। रिजिजू ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘साइबर एंड नेटवर्क सिक्योरिटी’ पर नौवें सालाना सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय विभिन्न पक्षों से विचारों व सुझावों के लिए हमेशा खुला है।
उन्होंने कहा, “हम अब आधुनिक हो चुके हैं। पहले आतंकवादी संगठनों में भर्ती का काम कठिन था। लेकिन, प्रौद्योगिकी ने इसे आसान कर दिया है। साइबर युद्ध सचमुच छिड़ चुका है और हमें यह समझना होगा कि हम इसे झेल रहे हैं। हमें अधिक से अधिक चुनौतियों का सामना करना है और हम इसके लिए तैयारी शुरू कर रहे हैं।”
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सूचना प्रौैद्योगिकी मंत्रालय तथा एसोचैम ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से ‘साइबर 3.0 ब्रिजिंग पीपुल, प्रॉसेस एंड टेक्नोलॉजी’ सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों व गणमान्य लोगों ने शिरकत की।
रिजिजू ने साइबर दुनिया के खतरों, सुरक्षा उपायों तथा साइबर अपराधों के प्रभावों को कम करने के लिए क्या करने की जरूरत है, इस पर चर्चा की।
इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री पी.पी.चौधरी ने कहा कि चूंकि देश साइबर प्रौद्योगिकी के नए तरीकों को सीख रहा है, इसलिए इसके सामने ऑनलाइन खतरों के जोखिम भी बढ़ गए हैं। हम साइबर अपराध की समस्या का मुकाबला नहीं कर रहे हैं। साइबर अपराध का असर परमाणु हथियार से भी अधिक घातक है। हमें साइबर अपराध से प्रभावी तरीके से निपटने पर गंभीरता से सोचना होगा।
–आईएएनएस
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