नई दिल्ली, 10 दिसंबर(जस)। वर्ष 2022 तक 40 गीगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना करने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में ग्रिड से जुड़े छत पर लगने वाले सौर क्षमता को विकसित करने के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीआई) 1000 मेगावाट क्षमता की निविदा जारी करेगा। एसईसीआई द्वारा छत पर स्थापित की जाने वाली यह सबसे बडी सौर परियोजना है।
दुनियाभर की बड़ी परियोजनाओं में से एक 1000 मेगावाट की यह निविदा एक ऐसा कदम है, जो छत पर लगने वाले सौर क्षमता पैनलों को तेज़ी से आगे बढ़ाएगा और रिहायशी/संस्थानिक एवं सामाजिक क्षेत्र में ईमारतों आदि पर लगाए जाने वाले एसईसीआई की 500 मेगावाट क्षमता वाली पिछली निविदा को पीछे छोड़कर उससे कई कदम आगे निकल जाएगा।
एसईसीआई छत पर लगने वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों के क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख उपक्रम है। यह विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत 54 मेगावट क्षमता की कई छत पर लगने वाली सौर परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है।
1000 मेगावाट के इस आगामी निविदा का उद्देश्य मुख्य रूप से केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में सौर ऊर्जा का सदुपयोग करना है। इस निविदा की मुख्य विशेषता, इसकी अभिनव “उपलब्धि आधारित प्रोत्साहन योजना” है, जिसमें तय किए गए लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों को उनके प्रदर्शन के आधार पर धन के रूप में प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इस योजना में, छत पर लगे सौर ऊर्जा संयंत्र से जुड़े ग्रिड को एमएनआरई के लिए प्रोत्साहन के रूप में आर्थिक सहायता के साथ स्थापित किया जाएगा। इस व्यवस्था के अंतर्गत सृजित की गई ऊर्जा को ईमारत की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा और यदि अतिरिक्त ऊर्जा का सृजन होता है तो उसे ग्रिड के अंदर विभिन्न माध्यमों से सुरक्षित कर संबंधित राज्य के उपयोग के लिए उसका प्रबंध किया जाएगा।
(फाइल फोटो)
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