जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग करने की घोषणा की है। राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 2 दिन पहले प्रधानमंत्री और अमित शाह से भी मुलाकात की थी।
जम्मू-कश्मीर में पिछले 5 महीने से राष्ट्रपति शासन लागू है किन्तु विधानसभा भंग नहीं की गई थी।
विधानसभा भंग करने से पहले तक पीडीपी के 28, भाजपा के 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15, कांग्रेस के 12 तथा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के दो विधायक थे।
पिछले कुछ दिनों से भाजपा को छोड़ अन्य राजनीतिक दल सरकार बनाने की संभावना तलाशने में लगे थे किन्तु नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पहले से ही विधानसभा भंग कर नए चुनाव कराने की बात कही थी।
पीडीपी ने आज राज्यपाल को चिट्ठी भेजी जिसमें कहा गया था कि उनको नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा कांग्रेस का बाहर से समर्थन मिलेगा किन्तु यह पत्र राज्यपाल के पास नहीं पहुंच सका।
कांग्रेस ने इस संबंध में अभी कोई स्पष्ट बात नहीं की थी कल कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की बैठक होने वाली थी जिसमें यह तय किया जाना था कि आगे की क्या कार्यवाही हो।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने की नई संभावनाओं की तलाश कर रही है।
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