जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि भूजल संकट (Ground Water crisis) किसी एक देश का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मुद्दा (global issue) है।
उन्होंने कहा, ‘हमारी 65 प्रतिशत निर्भरता भूजल (Ground Water) पर है और इसमें बढ़ोतरी होती जा रही है।’
केंद्रीय भूजल बोर्ड (The Central Ground Water Board ) ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में ऑस्ट्रेलिया के ‘मारवी’ (मैनेजिंग एक्वीफर रीचार्ज एंड सस्टेनिंग ग्राउंडवॉटर यूज थ्रू विलेज-लेवल इंटरवेंशन) के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के अवसर पर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे ।
जल शक्ति तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सचिव यू. पी. सिंह, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री डैन टेहन और भारत में ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त सुश्री इवेन मैके उपस्थित थीं।
उन्होंने कहा कि भूजल संकट (Ground Water crisis) से भावी पीढ़ियां इससे प्रभावित होंगी, इसलिए यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है।
कटारिया ने कहा कि सरकार ‘जलदूत’ संवर्ग बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, ‘भूजल (Ground Water) का दोहन सबसे अधिक होता है, क्योंकि वह सस्ता और सुगम्य है।’
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