चंडीगढ़, 6 अगस्त (जनसमा)। हरियाणा में भू-जल का स्तर निरंतर गिरता जारहा है। सरकार ने प्रदेश में 36 ब्लॉक डार्क जोन वाले इलाके माने हैं जहां भ्रू-जल का स्तर बहुत अधिक गिर गया है।
प्रदेश के 13 जिलों, अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रिवाड़ी, महेन्द्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत, जींद में डार्क जोन वाले ब्लाक हैं।
डार्क जोन वाले इलाकों में सरकार सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं द्वारा भू-जल का स्तर संतुलित बनाये रखना चाहती है ताकि किसानों को सिंचाई की कमी न हो।
सूक्ष्म सिंचाई पॉयलट परियोजना प्रदेश के सभी 36 डार्क जोन ब्लाक में लागू की जाएगी, लेकिन प्रथम चरण में प्रदेश के 13 जिलों, अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रिवाड़ी, महेन्द्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत, जींद में शुरु की जाएगी। इसके साथ ही 15 गांवों को भी शामिल किया जाएगा।
प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर की रोकथाम व पानी को बचाने के उदेश्य से सूक्ष्म सिंचाई प्रोजेक्ट लगाने पर राज्य सरकार की ओर से 85 प्रतिशत सब्सिडी मुहैया करवाई जाएगी।
इस संबंध में पिछले दिनों राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरूक्षेत्र के डेरा फतेह सिंह गुमथला गढु गांव में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतगर्त देश के पहले सूक्ष्म सिंचाई योजना के पॉयलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर खेत तक पानी पहुंचाने के उदेश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतगर्त काडा, कृषि विभाग व बागवानी विभाग हरियाणा द्वारा पायलट प्रोजेक्ट को स्थापित किया गया हैं। इस पायलट प्रोजैक्ट के 150 एकड़ भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई का कार्य किया जाएगा और प्रत्येक चार एकड़ पर एक ग्रिड स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह देश की पहली किस्म की योजना है, जिसमें सौर ऊर्जा और ग्रिड के माध्यम से ऊर्जा का आदान-प्रदान होगा तथा यह हॉटलाईन के जरिये नजदीक 11 केवी लाईन से विद्युतीय ग्रिड सेंटर से जुड़े रहेंगे। इससे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
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