उज्जैन, 5 जून। मालवा को किसी समय ‘डग डग रोटी, पग-पग नीर’ वाला क्षेत्र माना जाता था, किन्तु भूजल नीचे जाने से मालवा रेगिस्तान की ओर बढ़ रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार ने सबसे पहले नर्मदा-क्षिप्रा मिलन का काम हाथ में लिया और इसको रिकार्ड समय में पूर्ण किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात रविवार को उज्जैन में क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा एवं क्षिप्रा सेवा यात्रा के समापन अवसर पर रामघाट पर आयोजित समारोह में कही।
क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा के दौरान शिप्रा संरक्षण का अदभुत अभियान चलाया गया। यह अभियान लगातार चलाया जाये, तभी क्षिप्रा मैया बचेगी। सबको मिलकर यह प्रयास करना चाहिये। क्षिप्रा किनारे पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ में उज्जैन शहर एवं क्षिप्रा तट पर स्थाई प्रकृति के अनेक काम हुए हैं, फिर भी यदि आवश्यकता होगी तो नये काम किये जायेंगे, जिनमें घाट निर्माण भी शामिल है।
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