नई दिल्ली, 12 सितम्बर | वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के गठन को सोमवार को मंजूरी दे दी गई, जिसके अध्यक्ष केंद्रीय वित्तमंत्री होंगे। यह परिषद अप्रत्यक्ष कर की दर, विवाद के निवारण का तंत्र और अन्य मामलों को देखेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इससे पहले राष्ट्रपति ने जीएसटी विधेयक से जुड़े संविधान संशोधन को अपनी मंजूरी दे दी थी और सोमवार को इसकी आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी गई, जिसके बाद यह लागू हो गया।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकार के प्रधान प्रवक्ता फ्रैंक नोरोन्हा ने कहा, “जीएसटी परिषद में केंद्रीय वित्तमंत्री, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री और राज्यों के वित्तमंत्री शामिल होंगे।”
वास्तव में जीएसटी पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति का विलय इस परिषद में कर दिया जाएगा।
नोरोन्हा ने आगे कहा, “जीएसटी परिषद सचिवालय की लागत का वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। जीएसटी के कार्यान्वयन को लेकर तेजी से काम हो रहा है और यह निर्धारित समय से कहीं तेजी से चल रहा है। जीएसटी परिषद सचिवालय केंद्र और राज्य सरकारों से प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों द्वारा चलाया जाएगा।”
यह परिषद राष्ट्रीय राजधानी में स्थित होगा। अधिकारियों का कहना है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पहले ही 22 सितंबर को जीएसटी परिषद की बैठक बुलाई है। –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews