यह बात संज्ञान में आई है कि निर्यात के कारण लंबित जीएसटी रिफंड के अपुष्ट या असत्यापित अनुमान समय-समय पर प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होते हैं अथवा विभिन्न व्यापारिक निकायों द्वारा इस तरह के अनुमान पेश किये जाते हैं। ये आंकड़े अत्यंत काल्पनिक होते हैं अथवा अटकलों पर आधारित होते हैं तथा ज्यादातर गलत पाये जाते हैं।
सरकार ने शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि वैसे तो यह बात सही है कि अनेक निर्यातकों को अब तक निर्यात रिफंड नहीं हो पाया है, लेकिन अन्य निर्यातकों को रिफंड की प्राप्ति हो चुकी है। रिफंड मंजूरी में देरी होने के कारणों को समाप्त करने के उद्देश्य से सरकार ने विभिन्न कदम उठाये हैं। नियमों में संशोधन करना, साझा पोर्टल की कारोबारी प्रक्रियाओं में परिवर्तन करना और प्रणालीगत मुद्दों को सुलझाने के लिए कस्टम स्वचालित प्रणाली को अपनाना इन कदमों में शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि रिफंड के दावों में बाधा डालने वाली अधिकतर त्रुटियां इसलिए हो रही हैं, क्योंकि निर्यातक जीएसटी कानूनों से अब तक पूरी तरह अवगत नहीं हो पाए हैं। इसी तरह विभिन्न जीएसटीआर/फॉर्मों में डेटा एंट्री संबंधी त्रुटियों के कारण भी इस राह में मुश्किलें आ रही हैं।
सरकार ने मार्गदर्शन सर्कुलर, एडवायजरी, प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), विज्ञापन इत्यादि जारी कर सम्पर्क कार्यक्रम शुरू किये है। इसी तरह सरकार ने उन मामलों में संबंधित पदाधिकारियों से सम्पर्क संबंधी वैकल्पिक प्रक्रिया भी सुलभ कराई है, जिनमें त्रुटियों को ऑनलाइन दूर नहीं किया जा सकता है। इन प्रयासों के सकारात्मक नतीजे अब दिखने लगे हैं।
सरकार ने कहा है कि अब तक सीबीईसी और राज्यों द्वारा 10,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा राशि को मंजूरी दी जा चुकी है। आईटीसी रिफंड की प्रोसेसिंग से संबंधित विभिन्न सर्कुलरों और स्पष्टीकरणों के जरिये ऐसी मानक परिचालन प्रक्रिया कायम की गई है, जो केन्द्रीय एवं राज्य स्तरीय जीएसटी दोनों पर ही लागू है।
जीएसटी परिषद ने 10 मार्च, 2018 को आयोजित अपनी पिछली बैठक में सभी राज्य कर प्राधिकरणों को पूरी सक्रियता के साथ रिफंड संबंधी दावों का निपटान करने का निर्देश दिया है। निर्यातक समुदाय से अनुरोध किया जाता है कि वे इस पखवाड़े से लाभ उठाये और अपनी संबंधित त्रुटियों को दूर करने के लिए आगे आये, ताकि रिफंड को मंजूरी देना संभव हो सके।
सीबीईसी ने देश भर में 15 मार्च से लेकर 29 मार्च, 2018 तक एक विशेष रिफंड मंजूरी पखवाड़ा मनाने की पहल की है, जिसके लिए अतिरिक्त कर्मचारियों और बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की व्यवस्था की है। देश भर में ऐसे विशेष रिफंड प्रकोष्ठ स्थापित किये जा रहे हैं, जिनमें अनुभवी पदाधिकारियों को तैनात किया जा रहा है।
सरकार निर्यातक समुदाय को यह आश्वस्त करना चाहती है कि वह उनके समस्त उपयुक्त रिफंड दावों पर विचार करने तथा जल्द से जल्द उन्हें मंजूर करने की इच्छुक है।
Follow @JansamacharNews