चंडीगढ़, 12 अगस्त (जस)। जीएसटी लागू होने से देश की अर्थ व्यवस्था का आकार बढ़ेगा, कर प्रणाली में एक रूपता आएगी, कर चोरी रूकेगी और प्रादर्शिता आएगी। यह बात हरियाणा के वित्त एवं राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने गुरूवार को गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के सभागार में आयोजित दो दिवसीय नैशनल कन्वेंशन फार सी.ए. स्टूडेन्टस समारोह को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से पूरे देश में एक जैसी सरल व सुगम कर प्रणाली होगी और प्रदेश व देश की जीडीपी बढ़ेगी। इन सभी कार्यो में चार्टड अकाऊंटैंट की भूमिका अति महत्वपूर्ण होगी और सी.ए. की मांग बढ़ेगी। इसलिए आईसीएआई को चाहिए की वे चार्टड अकाऊंटैंट की संख्या में बढ़ोतरी करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रदेश में सूचना तकनीक का दायरा गत 17 महीनों में अत्याधिक बढ़ा है, जिससे प्रादर्शिता आई है और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। यदि आधार कार्ड की ही बात करें तो प्रदेश के 96 प्रतिशत लोगों के आधार कार्ड बन चुके है और स्कूल व समाज कल्याण विभाग में योजनाओं का लाभ पाने वाले लोगों का आधार कार्ड लिंक किया गया है। परिणाम स्वरूप विभिन्न सरकारी स्कूलों मेें चार लाख फर्जी स्कूली बच्चों व 2 लाख फर्जी पैंशनरों का पता चला है जो विभिन्न योजनाओं का अनुचित तरीके से लाभ उठा रहे थे। प्रदेश सरकार जीरो टोलरैंस नीति पर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आज लगभग 23 लाख लाभ पात्रों की पैंशन सीधे उनके खातों में जा रही है।
कैप्टन अभिमन्यु ने पड़ोसी देश चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां हर कार्य का लेखा-जोखा चीनी भाषा में किया जाता है। इसी प्रकार उक्त कार्य हिन्दी भाषा में किया जाए तो यह हमारी अर्थ व्यवस्था के लिए बेहतर होगा। ग्रामीण अर्थ व्यवस्थाओं का दायरा बढ़ रहा है, ऐसे में आर्थिक गतिविधियां का ब्यौरा हिन्दी भाषा में होना लाभदायक सिद्ध होगा। चार्टड अकाऊंटैंट इसमें योगदान दे सकते है।
वित्त एवं राजस्व मंत्री ने उपस्थित सी.ए. व विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए जो भी कार्य किया जाए। उसमें राष्ट्र योगदान की भावना होनी चाहिए। जीवन में किए जाने वाले हर कार्य में नैतिक मूल्यों को आगे रखे और अपने आदर्शो से कभी समझौता ना करें। उन्होंने कहा कि भारत को आजाद हुए लगभग 70 वर्ष हो चुके है लेकिन भारत में अब भी 37 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते है। तकनीक व विकास के क्षेत्र में विश्व में बराबरी की जाए तो उसमें कनाडा, जापान, ब्राजील, अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि देशों के लोग खुशहाली, व्यापार, कृषि, उद्योग आदि में बहुत आगे आए है।
(फाइल फोटो)
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