सरकार एक तरफ जीएसटी के फायदे गिना रही है और दूसरी ओर उसका फायदा अभी कारोबारियों को मिलना शुरू नहीं हुआ है।
इकनॉमिक टाइम्स ने लिखा है कि मानसून सेशन में किए गए संशोधनों में से एक प्रोविजन के गायब होने से इंडस्ट्री के लोग परेशान हैं।
विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि इन संशोधनों में उम्मीद के अनुसार सेस को कैरी फॉरवर्ड करने पर रोक है, लेकिन इनमें सर्विस टैक्स के क्रेडिट को भी समाप्त कर दिया गया है।
वैसे सरकार का कहना है कि कानूनों की गलत व्याख्या की जा रही है। इस बारे में सरकार स्पष्टीकरण भी जारी करने वाली है, जिससे लोगों को यह समझ में आ सके कि वस्तु स्थिति क्या है।
इकॅोनॉमिक टाइम्स ने जीएसटी एक्सपर्ट के हवाले से प्रकाशित किया है कि ट्रेड इंडस्ट्री में सेक्शन 39(9 )के तहत मिली रिटर्न संशोधित करने की छूट लागू होने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। सरकार ने साफ नहीं किया है इसके लिए ऑनलाइन फैसिलिटी कब शुरू होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि जैसा कि ट्रान 1 और ट्रान 2 के मामले में कई महीनों के देरी हुई थी, अगर वैसा ही हुआ तो 2017-18 के इनपुट क्रेडिट से कई लोग चुक सकते हैं ।
जुलाई में जिन चीजों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18 परसेंट करदिया गया था उनमें टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, जूसर मिक्सर बहुत सारी ऐसी 17 चीज़ें थी, इसके कारण दिल्ली में जीएसटी कलेक्शन 10 परसेंट गिरा है।
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