गुजरात सरकार मूंगफली के तेल ( Groundnut oil ) के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तेल उद्योग (Oil Industry) के निर्यातकों को विशेष सहायता पैकेज प्रदान करे।
गुजरात सरकार से यह मांग करते हुए गुजरात के तेल उद्योग (Oil Industry) के उत्पादकों का मानना है कि यदि मूंगफली के तेल (Groundnut oil ) की खपत 3 से 7 प्रतिशत बढ़ती है तो राज्य में तेल उद्योग का पुनरुद्धार हो सकता है।
गुजरात में तेल उद्योग (Oil Industry) का पुनरुद्धार के उद्देश्य से नेफेड द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
गांधीनगर के कृषि भवन में नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Ltd,) नाफेड (NAFED) द्वारा 25 जून 2019 को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सौराष्ट्र ऑयल मिल एसोसिएशन का कहना है कि मूंगफली तेल ( Groundnut oil ) का घरेलू बाजार मूल्य, तिलहन का समर्थन मूल्य और अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य में बड़ा अंतर होने के कारण विदेशी व्यापार में तेल उद्योग (Oil Industry) को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।
कृषि, किसान कल्याण और सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में गुजरात में तेल उद्योग (Oil Industry) को फिर से शुरू करने के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
भारत और गुजरात में मूंगफली तेल उद्योग (Oil Industry) के अवलोकन और चुनौतियों के बारे में भारतीय तिलहन और उत्पादन निर्यात परिषद, और सौराष्ट्र ऑयल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
खाद्य और तिलहन के आयात और निर्यात के लिए टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं के संबंध में वर्तमान स्थिति के बारे में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के निदेशक एन रमेश द्वारा जानकारी दी गई ।
तेल पेराई में मुआवजे को बढ़ाने के सवाल पर सौराष्ट्र ऑयल मिल एसोसिएशन ने उचित मूल्य पर मूंगफली और कच्चा माल तेल उत्पादकों को प्रदान कराने का अनुरोध किया।
किसानों और तेल उपभोक्ताओं को शुद्ध और अच्छी गुणवत्ता का तेल प्राप्त करने के लिए सस्ती कीमतों की लागत को पूरा करने के लिए तेल उत्पादकों द्वारा सकारात्मक सुझाव और राय प्रस्तुत की गई।
राज्य में तेल उद्योग
मूंगफली का तेल ( Groundnut oil ) अन्य तेलों की तुलना में स्वास्थ्य के लिए बेहतर है और इसके बारे में उपभोक्ताओं को जानकारी दी जानी चाहिए। इससे अगर मूंगफली के तेल की खपत 3 से 7 प्रतिशत तक बढ़ती है तो राज्य में तेल उत्पादकों को लाभ मिलेगा और तेल उद्योग (Oil Industry) का पुरुद्धार होगा।
इसके अलावा इस बात पर व्यापक चर्चा हुई कि किसान किस तरह से टिकाऊ मूल्य प्राप्त कर सकते हैं और महत्वपूर्ण तेल उद्योग (Oil Industry) विकास में किसान निर्माता संगठन और सहकारी समितियों की भूमिका निभा सकते हैं।
इस अवसर पर नेफेड के प्रबंध निदेशक एस के चड्ढा द्वारा सभी निजी हितधारकों को समर्थन मूल्य पर खरीद के मौजूदा मॉडल में प्रस्तावित निजी प्रोक्योरमेंट और स्टोचस्टिक स्कीम के कार्यान्वयन के बारे में बताया ।
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