हरियाणा : लिंग जांच रोकने के लिए लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

चंडीगढ़, 03 अप्रैल। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में लिंग जांच को रोकने के लिए सभी सरकारी एवं निजी अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में जिला उपयुक्त प्राधिकारियों से सुझाव मांगे गये हैं। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजन गुप्ता की अध्यक्षता में पीसी एवं पीएनडीटी पर आयोजित राज्य पर्यवेक्षी बोर्ड की 13वीं बैठक में आज यह प्रस्ताव रखा।

उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य में प्रसव पूर्व लिंग जांच को रोकना है ताकि प्रदेश में लिंगानुपात को सुधारा जा सके। सरकार के प्रयासों के चलते फरवरी 2016 में 892 लिंगानुपात की तुलना में फरवरी 2017 में लिंगानुपात में 37 अंकों का सुधार होकर 929 हो गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिंगानुपात में सुधार के लिए अनेक अहम निर्णय लिये हैं। इसके अन्तर्गत लिंग जांच करवाने वालों के मुखबरों को वर्ष 2015-16 को 25 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि पुरस्कार रूप में दी गई है और वर्ष 2016-17 में इसके लिए 40 लाख रुपये का प्रावधान किया गया। इसके अलावा, लिंगानुपात में उत्कृष्टï रहने वाले गांवों के लिए ‘श्रेष्ठ गांव पुरस्कार योजना’ शुरू की गयी है।

गुप्ता ने बताया कि दिसम्बर 2016 तक स्वास्थ्य विभाग ने 50 अन्तर्राज्यीय, 48 अन्तर जिला, 39 अंत: जिला छापेमारी तथा 25171 निरीक्षण किये गये हैं। इसके फलस्वरूप 470 अल्ट्रासाऊंड मशीनों को जब्त और 636 लाईसैंसों को निलम्बित या कैंसल किया गया है। इसी प्रकार पीएनडीटी अधिनियम के तहत 198 मामले दर्ज किये गये है, जिनमें 73 मामले गत 9 माह के दौरान दर्ज करवाये गये हैं। इस संबंध में 69 लोग अपराधी सिद्घ हुए हैं, जिनमें से 40 चिकित्सक है। इसके अलावा, 6 चिकित्सकों के लाईसैंस निलम्बित किये गये है और 14 डॉक्टर्स के नाम राज्य मेडिकल कांऊसिंल से हटाए गये हैं।