हरियाणा सरकार ने अभिज्ञात अपराध योजना (आइडेंटिफाइड क्राइम स्कीम) शुरू करने का निर्णय किया है, जिसके तहत जघन्य अपराधों की पहचान करने के लिए राज्य और जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा। साथ ही ऐसे मामलों का प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र निपटान किया जा सकेगा।
एक सरकारी प्रवक्ता ने गुरूवार को चंडीगढ़ में यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस योजना को शुरू करने की मंजूरी दे दी है।
संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समितियां हर महीने के पहले मंगलवार को बैठक करेंगी तथा उस महीने के दौरान यदि कोई जघन्य अपराध हुआ है तो उसकी पहचान करेगी।
जिला स्तरीय समितियां राज्य स्तरीय समिति को सिफारिशें भेजेंगी, जो ऐसे मामलों को अभिज्ञात अपराधों में शामिल करने बारे निर्णय लेगी।
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प्रवक्ता ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति विभिन्न मामलों में हुई प्रगति की समीक्षा करेगी और सुधारात्मक उपायों के लिए जांच या परीक्षण में आने वाली बाधाओं की पहचान करेगी।
राज्य स्तरीय समिति की हर महीने तीसरे मंगलवार को बैठक होगी और समिति समीक्षा के लिए पहचाने गए मामलों और नवीनतम कार्रवाई पर अंतिम प्रगति रिपोर्ट देगी।
प्रवक्ता ने बताया कि जघन्य अपराध समाज की मानसिकता पर गहरा प्रभाव डालते हैं और इसलिए न्याय के लिए कड़ी निगरानी की आवश्यकता होती है।
उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समितियों के सदस्यों में संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक या पुलिस आयुक्त, जिला अटॉर्नी, जेल अधीक्षक या उप.अधीक्षक शामिल होंगे।
इसी प्रकार अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति के सदस्यों में पुलिस महानिदेशक (सीआईडी), निदेशक एफएसएल, जिला अटॉर्नी और विधि परामर्शी शामिल होंगे।
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