राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (NIPER) ने कोविड (COVID-19) से लड़ने के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली (immunity booster) हर्बल चाय (Herbal Tea) को बाज़ार में उतारा है।
यह हर्बल चाय (Herbal Tea) अश्वगंधा, गिलोय, मुलेठी, तुलसी और ग्रीन टी जैसी 6 स्थानीय रूप से उपलब्ध जड़ी-बूटियों का एक संयोजन है, जिन्हें सावधानीपूर्वक निर्धारित अनुपात में मिलाया जाता है।
इस हर्बल चाय (Herbal Tea) को दिन में 3 बार पीया जा सकता है। यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित है।
यह हर्बल चाय (Herbal Tea) गले को आराम देती है और शरीर को मौसमी फ्लू की समस्याओं से लड़ने में मदद करता है।
हर्बल चाय (Herbal Tea) मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली व्यक्तियों को संक्रमणों से बचाती है और इसमें रोगजनक सूक्ष्म जीव जैसे बैक्टीरिया, वायरस और किसी भी अन्य प्रकार के विषाक्त उत्पादों को बेअसर और समाप्त करने की क्षमता होती है।
इसे राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (National Institutes of Pharmaceutical Education and Research) परिसर में एकत्रित की गई या खरीदी गयी जड़ी-बूटियों से मेडिकल प्लांट गार्डन से तैयार किया गया है।
इससे पहले भी नाईपर ने सुरक्षा उपकरण, सैनिटाइज़र और मास्क जैसे कई उत्पाद पेश किए हैं।
कोविड-19 के उपचार के लिए कोई प्रभावी दवा या वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है, इसलिए लोगों में मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली होना आवश्यक है ताकि वे किसी भी तरह के संक्रमण से खिलाफ आसानी से लड़ सकें और खुद को सुरक्षित रख सकें।
इस बात को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, मोहाली के प्राकृतिक उत्पाद विभाग ने हर्बल चाय विकसित की है, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है।
यह हर्बल चाय (Herbal Tea) शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बेहतर बनाती है ताकि इसका उपयोग कोविड-19 वायरल संक्रमण के खिलाफ एक निवारक उपाय के रूप में किया जा सके।
प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मज़बूत करना एंटी-वायरल / एंटी-माइक्रोबियल दवाओं का विकल्प हो सकता है। जड़ी-बूटियों को प्रतिरक्षा बढाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि वे विशिष्ट और सामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दोनों का उत्पादन करते हैं।
जड़ी-बूटियों का चयन आयुर्वेद में वर्णित “रसायन” अवधारणा पर आधारित है। रसायन का अर्थ है कायाकल्प।
इन जड़ी-बूटियों का लंबे समय से विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग होता रहा है और इन्हें प्रतिरक्षा बढाने वाले प्रभावों के लिए जाना जाता है।
ये जड़ी-बूटियां कोशिका स्तर पर प्रतिरक्षा कार्य करती हैं और वायरल / जीवाणु से लड़ने के लिए हमारे शरीर द्वारा उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाती हैं। अधिकतम प्रतिरक्षा के प्रभाव के लिए को प्राप्त करने के लिए सूत्र (फार्मूला) को तैयार किया गया है।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल विभाग के तत्वावधान में नाईपर राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं। सात संस्थान अहमदाबाद, हैदराबाद, हाजीपुर, कोलकाता, गुवाहाटी, मोहाली और रायबरेली में कार्यरत हैं।
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