प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा रविवार, 22 दिसंबर, 2019 को नई दिल्ली के रामलीला मैदान (Ramleela Maidan) में दिये गए संबोधन के मुख्य बिन्दु :
- दिल्ली के 40 लाख से अधिक लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का अवसर मुझे और भारतीय जनता पार्टी को मिला है। प्रधानमंत्री उदय योजना के माध्यम से आपको अपने घर, अपनी जमीन और अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी पर संपूर्ण अधिकार मिला, इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई
- सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल पर कुछ विपक्षी पार्टियाँ तरह-तरह के झूठ और अफवाहें फैलाने में लगी हैं। ये हिंसा और नफरत को उकसाने के लिए तो बयान देते हैं लेकिन शांति स्थापित करने के लिए कुछ भी नहीं बोलते।
- नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं तो मुझे बहुत तकलीफ होती है लेकिन जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी मिलता है।
- अगर पत्थर मारना ही है तो मोदी को मारो, जलाना ही है तो मोदी का पुतला जला लो, लेकिन कम से कम किसी गरीब का नुकसान तो मत करो। गरीब ऑटो वालों, बस वालों को मार कर और पुलिसवालों पर पत्थर बरसा कर आपको क्या मिलेगा?
- मत भूलिए कि देश में 33 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने शांति और सुरक्षा के लिए शहादत दी है। फिर क्यों ऐसा झूठ फैलाया जा रहा है? झूठ और अफवाह फैलाने वालों को पहचानने की ज़रूरत है।
- वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले, आज जब देश की जनता द्वारा नकार दिए गए हैं, तो इन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया है- बांटों और राज करो
- सिटिजनशिप अमेंडमेंट कानून भारत के किसी नागरिक के लिए है ही नहीं। NRC जो अभी आया ही नहीं, जिसके लिए अभी तक नियम-कायदे भी तय नहीं हुए, उसे लेकर हौवा बनाया जा रहा है।
- कांग्रेस, उसकी सहयोगी पार्टियां और शहरों में रहने वाले पढ़े लिखे अर्बन नक्सल ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। डिटेंशन सेंटर भेजने की बात अफवाह ही नहीं सफेद झूठ है
- अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि जो इस देश की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की ही संतान थे, उन पर नागरिकता कानून और NRC दोनों का ही कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- मैं फिर स्पष्ट करना चाहता हूं, सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है।
- नागरिकता संशोधन क़ानून महात्मा गांधी की भावना और तब की भारत की सरकार के वादे के मुताबिक है। आज जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सरकार इसी दशकों पुराने वायदे को पूरा कर रही है, तो इसका विरोध किया जा रहा है।
- मनमोहन सिंह ही थे जिन्होंने संसद में खड़े होकर कहा था कि हमें बांग्लादेश से आए उन लोगों को नागरिकता देनी चाहिए जिनका अपनी आस्था की वजह से वहां पर उत्पीड़न हो रहा है, जो वहां से भाग कर भारत आ रहे हैं
- ममता दीदी कोलकाता से सीधे संयुक्त राष्ट्र पहुंच गई हैं लेकिन कुछ साल पहले तक वे संसद में खड़े होकर गुहार लगा रहीं थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए, वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाए
- आज जो इस्लामिक वर्ल्ड है, खाड़ी के देश हैं, उनके साथ भारत के संबंध मौजूदा दौर में सबसे बेहतरीन हैं। बांग्लादेश के साथ हमारे संबंधों में वर्षों बाद इतनी प्रगाढता आई है
- आज जो इस्लामिक वर्ल्ड है, खाड़ी के देश हैं, उनके साथ भारत के संबंध मौजूदा दौर में सबसे बेहतरीन हैं, तो इसकी वजह है भारतीय संस्कृति, सभ्यता के प्रति उनका सम्मान
- देश की सुरक्षा और नागरिकों के हित के लिए जो भी जरूरी होगा, वो करने से कोई हमें रोक नहीं पाएगा
Follow @JansamacharNews