हर साल कलकत्ता में हिलसा त्योहार मनाया जाता हैं। बंगालियों के लिए इलिश या हिल्शा या हिलसा मछली का स्वाद सदियों से पसंदीदा और लज़ीज रहा है। सामान्यतः अगस्त के महीने में ‘हिलसा’ से बने व्यंजन बनाये जाते हैं। बंगाली नव वर्ष के पहले दिन हिलसा के साथ चावल खाने की परंपरा है।
ऐसा माना जाता है कि हिलसा मछलियों में रानी है, जैसे फलों में आम को राजा माना जाता है। यह खाने में मुलायम औा मक्खन जैसी लगती है। इस मछली को चाहे तो स्टीम करें,रोस्ट,फ्राइड या ग्रिल करें। सरसों, इमली आदि मसालों के साथ इसे कई तरह से पकाया बनाया जाता है। इसके साथ कई तरह के पकवान भी बनाये जाते हैं जो स्वाद में बहुत ही लाजवाब होते हैं।
भारत और बांगला देश में इस मछली को कई नामों से पुकारा जाता है। हिलसा पश्चिम बंगाल के अलावा ओड़िसा, त्रिपुरा, असम, आंध्र प्रदेश, दक्षिण गुजरात और मिजोरम में भी बहुत लोकप्रिय है।
बांगला देश में हिलसा को ‘राष्ट्रीय मछली’ का दर्जा प्राप्त है। लगभग 5 लाख परिवारों की रोटी-रोजी इस मछली के व्यापार पर टिकी हुई है।
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