शिमला, 18 अगस्त (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राज्य में अगस्त माह के पहले पखवाड़े में भारी बरसात के कारण हुए नुकसान के आकलन के लिए बुधवार को यहां आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभावित लोगों को शीघ्र पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने तथा ग्रामीण सम्पर्क मार्गों एवं पुलों को बहाल करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण, दूरदराज तथा दुर्गम क्षेत्रों की सड़कों को खुला रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कुल्लू मार्ग पर हनोगी माता के समीप राष्ट्रीय उच्च मार्ग-21 पर भू-स्खलन के स्थायी समाधान के लिए एक मुश्त राशि जारी करने के निर्देश दिए।
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण कुल नुकसान लगभग 567.32 करोड़ रुपये आंका गया है। सबसे अधिक लगभग 396 करोड़ रुपये का नुकसान सड़कों एवं पुलों के क्षतिग्रस्त होने पर हुआ है और इसके बाद 99 करोड़ रुपये का नुकसान सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा 70 करोड़ रुपये का नुकसान विद्युत विभाग को हुआ है, जबकि 3.17 करोड़ रुपये की क्षति सार्वजनिक एवं सरकारी सम्पत्तियों की हुई है। इसी प्रकार, कृषि तथा बागवानी विभाग को क्रमशः लगभग 4.29 करोड़ तथा 15.86 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।
बैठक में अवगत करवाया गया कि समस्त सिंचाई एवं पेयजल आपूर्ति योजनाओं को तत्परता के साथ अस्थायी तौर पर बहाल कर दिया गया है तथा इनकी स्थायी मरम्मत का कार्य जारी है।
सामान्य जन जीवन बहाल करने की दिशा में नुकसान से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए समस्त जिलों तथा संबद्ध विभागों को 106.40 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मानसून पूर्व बैठक में उपायुक्तों को नदियों के किनारे मजदूर कालोनियों एवं अस्थायी बस्तियों को खाली करवाना सुनिश्चित बनाने तथा सड़कों के किनारे पुलियों व नालियों को साफ रखने को कहा गया था। इसी के परिणामस्वरूप जलापूर्ति के लिए पर्याप्त संख्या में पाईप, विद्युुत खम्बों व तारों का काफी पहले से ही भण्डारण कर लिया गया था।
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