शिमला, 13 अगस्त (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में शहरी एवं नगर नियोजन (संशोधन) विधेयक, 2016 में संशोधन कर अवैध भवनों को ‘जैसे हैं, वैसे हैं’ आधार पर नियमित करने को अपनी मंजूरी दी गई।
भवनों को ‘जैसे हैं, वैसे हैं’ आधार पर ‘सैट बैक’ के तौर पर आवश्यक खुली जगह न छोड़ने के आधार पर भी कंपाउण्ड किया जाएगा। पार्किंग मंजिल को यदि किसी अन्य उपयोग के लिये भी परिवर्तित किया गया हो, को वैकल्पिक पार्किंग जगह उपलब्ध करवाने पर नियमितिकरण के लिये माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, सड़क/रास्ते के साथ न लगते पार्किंग फ्लोर को यदि किसी अन्य उपयोग में परिवर्तित किया गया है, तो इन्हें भी नियमित किया जाएगा।
बैठक में हिमाचल प्रदेश में तम्बाकु उत्पादों के फुटकर विक्रेताओं के नियमितिकरण के प्रावधान के लिये प्रारूप विधेयक को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से खुली सिगरेट अथवा बीड़ी की बिक्री पर प्रतिबंध लगेगा तथा सिगरेट व अन्य तम्बाकु उत्पादों के फुटकर व्यापार का नियमन होगा। विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
राज्य में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिये मंत्रिमण्डल ने राज्य में फिल्म निर्माण कोे प्रोत्साहन देने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया ताकि प्रदेश की कला एवं शिल्प, इतिहास, संस्कृति, पुरातत्व, भाषा, साहित्य, खान-पान, समकालीन कला, पारंपरिक एवं जनजातीय लोक संगीत, नृत्य, नाटक, उपन्यास, पर्यटन, पर्यावरण एवं सामाजिक मुद्दों को प्रोत्साहित एवं प्रचारित किया जा सके।
मंत्रिमण्डल ने भारत सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार तथा हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में उज्जवल डिस्काॅम एश्योरेंस योजना (उदय) को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में क्रियाशील व वित्तीय कार्यान्वयन के लिए त्रिपक्षिय समझौता ज्ञापन में शामिल होने को स्वीकृति दी। इससे विद्युत दरों में कमी होगी, क्योंकि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की ब्याज व वित्तीय लागत में वार्षिक 68 करोड़ रुपये की कमी आएगी। इसके अतिरिक्त, इसके लागू होने से वित्तीय अनुशासन के परिणामस्वरूप एचपीएसईबीएल में 400 करोड़ से अधिक वार्षिक सैद्धांतिक राशि की पुनः अदायगी में सहायता मिलेगी।
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