शिमला, 30 जुलाई (जस)। हिमाचल प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने शनिवार को यहां कहा कि सरकार राज्य के दूरवर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इन क्षेत्रों में विकास की रफतार को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह चम्बा के अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान क्षेत्र के लिए विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण करेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि रावी बेसिन पर निर्माणाधीन विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं से विद्युत प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री चम्बा जिले की भरमौर घाटी के लाहल में पहली अगस्त, 2016 को 235 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 33/220/400 के.वी. उप-केन्द्र का शिलान्यास करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे मौजूदा व्यवस्था में 630 एमवीए की अतिरिक्त क्षमता जुड़ेगी तथा जून, 2018 में व्यावसायिक संचालन हासिल करेगा।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की बिजली जो इस उप-केन्द्र के माध्यम से प्राप्त की जाएगी, में 180 मैगावाट बजोली-होली, 240 मैगावाट कुटेहर तथा 100 मैगावाट क्षमता की लघु जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस उप-केन्द्र को 33 केवी बोल्टेज स्तर प्रदान किया गया है, जहां हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की भरमौर से घरोला के बीच 33 केवी लाईन बिछाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कि लघु जल विद्युत परियोजनाएं सर्दियों के दौरान 33 केवी स्तर में बिजली का संचरण करेगी तथा हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड घाटी में विद्युत लोड की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बिजली लेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यवस्था से क्षेत्र में बोल्टेज की समस्या में सुधार आएगा, क्योंकि वर्तमान में चम्बा से कम क्षमता वाली 33 केवी 50 किलोमीटर लम्बी विद्युत लाईन के माध्यम से बिजली प्राप्त की जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को कम बोल्टेज की बिजली मिल रही है और भारी ट्रांसमिशन क्षति हो रही है।
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