हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने घोषणा की कि राज्य में थर्मोकोल की वस्तुओं जैसे प्लेटों तथा गिलासों पर प्रतिबन्ध लगाया जाएगा, क्योंकि ये प्रदूषण के मुख्य कारणों में हैं।
साथ ही राज्य में सार्वजनिक सभाओं के दौरान एक लीटर क्षमता से कम की पानी की प्लास्टिक बोतलों के उपयोग पर भी प्रतिबन्ध लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात मंगलवार को मण्डी जिले के राजकीय पालिटेक्निक महाविद्यालय, सुन्दरनगर में विश्व पर्यावरण दिवस-2018 के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।
विश्व पर्यावरण दिवस हमारे दैनिक जीवन में पर्यावरण की रक्षा करने, प्लास्टिक के उपयोग की गम्भीरता का एहसास कराने तथा प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने के लिये एक आह्वान है।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने राजकीय पॉलिटैक्निक सुन्दरनगर में 1.50 करोड़ रुपये के अतिथि गृह तथा 5.58 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले मेकैनिकल इंजीनियरिंग खण्ड भवन की आधारशिलाएं रखीं।
ठाकुर ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पृथ्वी की सुरक्षा के प्रति कुछ करने के लिए ‘लोगों का दिन’ है।
उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस महज़ एक औपचारिक अवसर नहीं होना चाहिए, बल्कि इससे कुछ न कुछ ठोस परिणाम सामने आने चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुददों में से है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छता हमारे जीवन का हिस्सा बनना चाहिए।
ठाकुर ने कहा कि स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए जागरूकता अभियान के कारण एक जन आन्दोलन बन चुका है।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए विद्यार्थियों को आगे आने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि राज्य के 67.5 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में वन है, लेकिन अभी भी प्रभावी पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी कुछ करने की आवश्यकता है।
जय राम ठाकुर ने लोगों का आह्वान किया कि वे प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए विभिन्न कार्यक्रमों व नीतियों को लागू करने के लिए आगे आएं।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक ने हमारे जल स्रोतों को बूरी तरह से प्रदूषित किया है। इससे जल में रहने वाले जीव-जन्तुओं के जीवन को भी नुक्सान पहुंचा है और मानव जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां प्लास्टिक के बैगों पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को प्लास्टिक के बैग के स्थान पर जूट अथवा कागज के बने थैलों के उपयोग के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि शिमला में पानी की समस्या प्रदूषण तथा कैचमेंट क्षेत्र व शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाली नदियों और जल स्रोतों में पानी की कमी के कारण उत्पन्न हुई है।
ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की नर्सरियों में प्रदूषण को कम करने वाले पेड़ पौधें उगाए जाएंगे ताकि इन्हें लोगों को पौधरोपण के लिए वितरित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योग विभाग को चिलारू का उचित उपयोग के लिए इकाई स्थापित करने की परियोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वर्दी योजना के अन्तर्गत प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग को बन्द करने के लिए चरणबद्ध ढंग से सरकारी स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थी को स्टील की बोतल प्रदान की जाएगी।
ठाकुर ने पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने के लिए अभिभावकों से प्लास्टिक बोतलों के स्थान पर अपने बच्चों को स्टील की बोतलें खरीदने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कचरे के वैज्ञानिक प्रबन्धन के लिए राज्य के विभिन्न भागों में 10 ठोस कचरा प्रबन्धन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सुन्दरनगर तथा घुमारवीं शहरों के लिए पॉलिथीन शैडर मशीन प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्दी, नालागढ़, परवाणु, कालाअम्ब, पांवटा साहिब, सुन्दरनगर, डमटाल तथा ऊना में 5 जून से पहली जुलाई, 2018 तक पौधरोपण पर विशेष बल दिया जाएगा, क्योंकि ये शहर राज्य के सर्वाधिक प्रदूषित शहर हैं।
ठाकुर ने परिसर में पौधे का रोपण किया तथा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रदर्शनी का उदघाटन किया। उन्होंने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रकाशन को भी जारी किया।
उन्होंने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण पर प्रचार पोस्टर भी जारी किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने वाले शिक्षण संस्थानों के उत्कृष्ट इको क्लबों को पुरस्कार भी प्रदान किए।
सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस हमारे पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए मिलजुल कर कार्य करने के लिए शपथ लेने का अवसर है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए जनमंच कार्यक्रम आम जनमानस के लिए अपनी शिकायतों का निवारण
करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में हवाई अड्डे का निर्माण किया जाएगा, जो क्षेत्र में पर्यटन विकास को बढ़ावा देगा।
सुन्दरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पहल समय की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में क्षेत्र विकास के मामले में नए मील के पत्थर स्थापित होने का गवाह बनेगा।
उन्होंने राजकीय बहुतकनीकी कॉलेज सुन्दरनगर में अथिति गृह तथा मकैनिकल इंजीनियरिंग खण्ड भवन के निर्माण की आधारशिला रखने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष तरूण कपूर ने कहा कि प्रदेश अपार पर्यटन क्षमता के जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि यहां का स्वास्थ्यवर्धक पर्यावरण सैलानियों के लिए मुख्य आकर्षण है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण का कम से कम नुक्सान सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक को आगे आना होगा।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. आर.के. प्रूथी ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्यों का स्वागत करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों का ब्यौरा दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा आज ‘पापा’ का शुभारम्भ किया गया।
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