” जलवायु परिवर्तन से निपटने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी विकसित देशों पर है। इसलिए जरूरी है कि विकसित देश अपनी इस जिम्मेदारी को जल्द से जल्द पूरा करें। ”
पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने यह विचार मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘बेसिक’ (ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन) देशों की 27वीं मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित कर ते हुए व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि 2020- पूर्व अवधि में विकसित देश अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए नजर आते हैं तथा वे जलवायु के प्रति अपनी कार्रवाई में विलम्ब कर रहे हैं। इसके कारण 2020-उपरांत अवधि में विकासशील देशों के ऊपर अतिरिक्त बोझ आएगा।
डॉ. हर्ष वर्द्धन ने कहा कि ‘बेसिक’ BASIC देश भले तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाएं हों, लेकिन वहां अब भी दुनिया के सबसे गरीब लोगों की तादाद सबसे ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि भारत सीओपी-24 के प्रति आशावान है और उम्मीद करता है कि पेरिस समझौते के कार्यान्वयन के लिए 2020 में बेहतर शुरूआत होगी।
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