लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के शोर-शराबे के बीच सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019 ) पेश करते हुए (introduced) कहा कि यह विधेयक संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं करता।
विधेयक पेश करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019 ) अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 का भी उल्लंघन नहीं करता।
सदन में मतों के विभाजन के बाद विधेयक पेश किया गया था। 293 सदस्यों ने विधेयक को पेश करने के पक्ष में मतदान किया जबकि 82 ने इस कदम के खिलाफ मतदान किया।
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019 ) का उद्देश्य अवैध आप्रवासियों ( illegal migrants) को मौजूदा कानून के प्रावधानों से छूट देने के लिए अधिनियम में संशोधन करना है।
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019 ) के जरिए 1955 के उस कानून में संशोधन का प्रस्ताव है, जिससे अफगानिस्तान, बंगलादेश और पाकिस्तान से छह समुदायों के अवैध आप्रवासी भारतीय नागरिकता के लिए पात्र बन सकें। ये समुदाय हैं – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई।
कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके पार्टियों के सदस्यों ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019 ) पेश किए जाने का विरोध किया।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चैधरी ने यह कहते हुए नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019 ) का विरोध किया और कहा कि यह प्रतिगामी कदम है। यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रो.सौगत राय ने भी विधेयक पेश किए जाने का विरोध किया।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद और ऑल इंडिया डेमेक्रेटिक फ्रंट के सदस्य ने नागरिक संशोधन विधेयक, 2019 के विरोध में आज संसद भवन प्रांगण में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
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