रांची, 03 अप्रैल | सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए राष्ट्रीय राजमार्गो के दोनों तरफ 500 मीटर के दायरे में सभी शराब दुकानों को बंद करने के आदेश के एक सप्ताह के भीतर झारखंड में लगभग 700 शराब दुकानें बंद कराई जा चुकी हैं। साथ ही अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई में मांस की 800 से अधिक दुकानों को बंद कर दिया गया है।
उत्पाद कर विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा, “लगभग 700 शराब दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है। अभियान एक अप्रैल से शुरू हुआ है। 150 से अधिक दुकानें सील कर दी गई हैं, जबकि सैकड़ों दुकानों को नोटिस जारी किया गया है।”
सुप्रीम कोर्ट ने बाद में साफ किया है कि जिन कस्बों की आबादी 20,000 या उससे कम है, वहां हाईवे के दोनों तरफ 220 मीटर के दायरे में शराब की दुकानें नहीं होंगी। राजधानी रांची में अल्बर्ट एक्का चौक, रातू रोड और अन्य जगहों पर कई दुकानें बंद कराई गई हैं।
झारखंड में निजी ठेकेदारों द्वारा शराब की बिक्री 31 जुलाई से बंद हो जाएगी, क्योंकि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू इकठ्ठा करने के लिए एक अगस्त से राज्य में शराब की बिक्री झारखंड बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से होगी। वहीं राज्य में अवैध बूचड़खानों पर भी कार्रवाई हो रही है।
सरकार के अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश देने के बाद 800 से अधिक मांस की दुकानें बंद करा दी गई हैं। रांची में मांस की 57 लाइसेंसी दुकानें हैं, लेकिन एक भी बूचड़खाना वैध नहीं है। रांची नगर निगम एक बूचड़खाने का निर्माण कर रहा है।
झारखंड सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए 72 घंटों का वक्त दिया है, जबकि 300 से अधिक अवैध बूचड़खाने तथा मांस की दुकानें सील कर दी गई हैं।
(यह फोटो केवल संदर्भ के लिए है)
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