नई दिल्ली, 10 दिसंबर | आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ नोटबंदी के जंजाल के बीच रिलीज होने के लिए तैयार हैं, लेकिन आमिर खान इन सबसे बेफ्रिके बने हुए हैं। वह मानते हैं कि नोटबंदी का जो असर होना था इसके शुरुआती एक या दो सप्ताह में हो चुका, अब इसका फिल्मों पर कुछ खास असर नहीं होने वाला। आमिर को दुनियाभर में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के तौर पर पहचाना जाता है लेकिन वह खुद इस टैग को पसंद नहीं करते और ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ की बजाय ‘मिस्टर पैशनेट’ कहलाना पसंद करते हैं।
आमिर की पिछली फिल्म ‘पीके’ ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की थी इसलिए अब लोगों की उम्मीदें ‘दंगल’ से और बढ़ गई हैं, लेकिन आमिर मानते हैं कि उन्हें अपनी फिल्मों से कभी उम्मीदें नहीं रहीं। वह आशावादी हैं और बस इतना चाहते हैं कि उनकी फिल्म को दर्शक पसंद करें और फिल्म देखने पर उन्हें उतना ही मजा आए जितना उन्हें इसमें काम कर आया है।
आमिर खान ने नई दिल्ली में पत्रकारों के साथ साक्षात्कार में कहा कि वह ‘दंगल’ से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। यह पूछने पर कि वह अन्य कलाकारों की तुलना में टीवी पर अपनी फिल्मों का प्रचार क्यों नहीं करते। इसके जवाब में आमिर ने संवाददाताओं को बताया, “मैं मानता हूं कि टीवी एक बहुत बड़ा माध्यम है लेकिन मैं टीवी शो में जाकर फिल्मों का प्रचार करने में विश्वास नहीं करता। मार्केटिंग के दो तरीके होते हैं, पहला यह कि लोगों को फिल्म के बारे में जानकारी देना और दूसरा फिल्म का ट्रेलर। आप फिल्म का ट्रेलर ही ऐसा बना दो कि लोग खुद ब खुद फिल्म देखने दौड़े चले आए और यही मेरी मार्केटिंग का तरीका है।”
‘दंगल’ हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट के जीवन पर आधारित फिल्म है जो अपनी बेटियों गीता और बबीता को कुश्ती के गुर सिखाकर उन्हें विश्व चैंपियन बनाता है। यह पूछने पर कि इंडस्ट्री में फिलहाल बायोपिक पर फिल्में बनाने का दौर है और आमिर खान भी इसी लीग में शामिल हो चुके हैं। आमिर ने आईएएनएस को बताया, “मैं इस बात से सहमत नहीं हूं। सालभर में 300 फिल्में बनती हैं जिनमें से बायोपिक गिनी-चुनी होती है तो बायोपिक बनाने का ट्रेंड शुरू होना, इस बात से मैं इत्तेफाक नहीं रखता।”
इस पूरी चर्चा के दौरान हालांकि, आमिर खान नोटबंदी के सवालों पर कुछ बचते नजर आए लेकिन उन्होंने नोटंबदी से फिल्म के कारोबार पर फर्क पड़ने के सवाल पर आईएएनएस को बताया, “मैं अर्थशास्त्री नहीं हूं तो नहीं बता सकता कि इससे फिल्म के कारोबार पर कितना फर्क पड़ेगा लेकिन हां जो फर्क पड़ना था वह शुरुआत के एक-दो सप्ताह में हो चुका।”
आमिर खान ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें नोटबंदी ने प्रभावित नहीं किया है, क्योंकि इस फैसले से वह लोग प्रभावित हुए हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी में नकदी में लेनदेन करते हैं। उन्होंने बताया, “उनके बारे में यह अफवाह फैलाई गई है कि वह हर बार कुछ हटकर करते हैं जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। मैं फिल्म की जरूरत के हिसाब से काम करता हूं।”
वह फिल्म में अपनी बेटियों का किरदार निभा रहीं फातिमा और सान्या से काफी प्रभावित दिखे और बताया, “मैं समझता हूं कि यह फिल्म उनके लिए काफी मुश्किल भरी रही है, क्योंकि ये दोनों ही लड़कियां शहरी माहौल में पली बढ़ी है और फिल्म में उन्हें गांव की लड़कियों का किरदार निभाया है, जो कुश्ती करती हैं। शूटिंग के दौरान फातिमा की पसली तक फ्रैक्चर्ड हो गई थी, लेकिन उसने हमें इसकी भनक तक भी नहीं पड़ने दी, क्योंकि उसे डर था कि कहीं हम उसे फिल्म से निकाल नहीं दें।”
आमिर ने अपनी पिछले फिल्म ‘पीके’ में भोजपुरी बोली है और अब वह ‘दंगल’ में हरियाणवी बोलते दिखाई देंगे। वह इस अनुभव को बहुत ही बेहतरीन तरीके से बताते हैं कि पीके में भोजपुरी से सीधे दंगल में हरियाणवी बोलना काफी दुविधा भरा था, क्योंकि हरियाणवी काफी मुश्किल भाषा है।
आमिर खान फिल्में बहुत कम देखते हैं, लेकिन उन्होंने हाल ही में ‘ऐ दिल है मुश्किल’ देखी, जिसमें उन्हें रणबीर कपूर और अनुष्का का काम बेहद पसंद आया। –आईएएनएस
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