टोक्यो (जापान), 12 नवंबर (जस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कालेधन से मुक्ति दिलाने के सरकार के फैसले प्रयासों पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि अगर किसी के खाते में बिना हिसाब के धन आया तो उनसे पूरा हिसाब मांगा जाएगा और वह हिसाब जब से देश आजाद हुआ तब से लगाऊंगा।
यहां पर शनिवार को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को कालेधन और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाना गरीबों के उत्थान देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग बैंकों में गलत पैसा कालाधन रखेंगे वे बचने वाले नहीं हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘जो मुझे जानते हैं वे बैंक में जाने के बजाय गंगाजी जाएं तो अच्छा है ताकि उनको पुण्य मिलेगा और उनकी जान बचेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को मैं एक बार नहीं, बार-बार कह रहा हूं कि ईमानदार लोगों की रक्षा करने के लिए मेरी सरकार सबकुछ करेगी लेकिन बेईमानों का हिसाब चुकता होकर रहेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैंने कोई फैसला रातों-रात लिया है। पहले एक स्कीम निकाली गयी तो 67 हजार करोड़ रुपया सरकार के पास जमा हुआ। उस स्कीम में जुर्माना देकर अपने पैसे जमा करने की छूट दी गयी थी। सरकार ने दो सालों में अलग-अलग प्रकार से जो प्रयास किए उसका परिणाम है कि 1.25 लाख करोड़ रुपया सरकार के पास आया है।
मोदी ने कहा कि मौका दिया गया था लेकिन लोग फिर भी यह कहते हैं कि हम पहले जैसे ही हैं, तो यह गलती मेरी नहीं है, याद रखें यह गलती उनकी है। जिनके पास सही पैसा है, वह 30 दिसंबर तक आराम से अपने खाते में पैसा डलवा सकते हैं। उनको कोई मुश्किल नहीं होगी, उनके हक की चीज उनको मिल जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कठोर चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘इस स्कीम के पूरे हो जाने के बाद यानि 30 दिसंबर के बाद यदि कोई सोचता है कि आपको कोई ठिकाने लगाने नहीं आएगा तो उसकी गारंटी मैं नहीं दे सकता। ऐसे लोगों को मैं कहना चाहूंगा कि आप अपनी नहीं अपने बेटों के बारे में सोचें।
प्रधानमंत्री ने जापान में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए आश्वस्त किया कि हिन्दुस्तान आगे बढ़कर रहेगा। किसी को परेशान करने की मेरी कोई मंशा नहीं है।
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