Tea

कोरोना से बच़ना चाहते हैं तो चाय पीजिये किन्तु सोच-समझकर

teaनाॅवेल कोरोनावायरस (COVID-19) से बच़ना चाहते हैं तो चाय पीजिये (drink tea) और कोरोना को भगाईये किन्तु सोच-समझकर।

नाॅवेल कोरोनावायरस (COVID-19) से लड़ने और रोग प्रतिरोधक शक्ति (immunity) बढ़ाने में क्या चाय (Tea) कारगर हो सकती है?

केन्द्र सरकार के प्रचार तंत्र की माने तो ऐसा संभव है। इसके मायने यह है कि चाय (Tea)पीजिये और कोरोना का मुकाबला करिये। यह अलग बात है कि चाय (Tea) एक खास ब्राण्ड की होनी चाहिए।

भारत सरकार  द्वारा 23 मई,2020  को जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि  एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में चाय रसायन भी प्रतिरक्षा बढ़ाने और कोरोनावायरस गतिविधि को अवरुद्ध करने में अधिक प्रभावी हो सकते हैं।

इससे पहले  कोविड-19 से लड़ने के लिए संशोधित प्रोटोकॉल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के स्थान पर एचआईवी-रोधी दवा के उपयोग की संभावना व्यक्त की जा रही है।

हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के निदेशक डॉ संजय कुमार ने इस तथ्य का खुलासा किया है।

कांगड़ा चाय के बारे में बोलते हुए यह बात उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर आईएचबीटी में आयोजित एक वेबिनार के दौरान कही है।

कांगड़ा चाय बागान फोटो चाय बोर्ड के सौजन्य से

डॉ संजय कुमार ने कहा– “चाय (Tea) में ऐसे रसायन होते हैं जो कोरोनावायरस (COVID-19)  की रोकथाम में एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना मेंअधिक प्रभावी हो सकते हैं।

हमारे वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर-आधारित मॉडल का उपयोग करते हुए जैविक रूप से सक्रिय 65 रसायनों या पॉलीफेनोल्स का परीक्षण किया है, जो विशिष्ट वायरल प्रोटीन को एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में अधिक कुशलता से बाँध सकते हैं।

ये रसायन उन वायरल प्रोटीन्स की गतिविधि को अवरुद्ध कर सकते हैं, जो मानव कोशिकाओं में वायरस को पनपने में मदद करता है।”

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद से संबद्ध आईएचबीटी अपने प्रौद्योगिकी साझेदारों के साथ मिलकर चाय आधारित प्राकृतिक सुगंधित तेलों से युक्त अल्कोहल हैंड सैनिटाइजर का भी उत्पादन व आपूर्ति कर रहा है।

आईएचबीटी में चाय के अर्क के उपयोग से हर्बल साबुन भी बनाया गया है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह साबुन प्रभावी रूप से फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी व वायरस-रोधी गुणों से लैस है। हिमाचल की दो कंपनियों द्वारा इस साबुन का उत्पादन व विपणन किया जा रहा है।

इस अवसर पर टी-विनेगर (चाय के सिरके) की तकनीक धर्मशाला की कंपनी मैसर्स काश आई विशको हस्तांतरित की गई है। चाय के सिरके में मोटापा-रोधी गुण होते हैं।

इसके अतिरिक्त आयुष द्वारा सिफारिश की गई जड़ी-बूटियों से युक्त हर्बल ग्रीन और ब्लैक टी उत्पादों को भी लॉन्च किया गया है।

इन उत्पादों को सीएम स्टार्ट-अप योजना के तहत मंडी के उद्यमी परितोष भारद्वाज द्वारा विकसित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु ये उत्पाद बहुत उपयोगी हो सकते हैं।

तो चाय पीजिये और कोरोना को भगाईये किन्तु सोच-समझकर।