मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 31 दिसम्बर, 2016 के पूर्व तक बसी हुई 770 अवैध कॉलोनियों को वैध किया जायेगा, इनमें न्यूनतम बसाहट 10 प्रतिशत होना चाहिये। इस संशोधन के बाद सभी 378 नगरीय निकायों की 4 हजार 759 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो सकेगी।
प्रदेश में इंदौर संभाग अंतर्गत 1200, उज्जैन संभाग 511, जबलपुर संभाग 644, ग्वालियर संभाग 1011, सागर संभाग 341, रीवा संभाग 282 और भोपाल संभाग अंतर्गत आने वाले नगरीय निकायों में 770 अवैध कॉलोनियाँ चिन्हित की गई हैं। इन कॉलोनियों के रहवासी सरकार के इस निर्णय से लाभान्वित होंगे।
यह जानकारी भोपाल में 6 फरवरी, 2018 को मंत्री श्रीमती माया सिंह की अध्यक्षता में कॉलोनियों के नियमितीकरण और उसके वित्तीय प्रबंधन स्थिति की समीक्षा बैठक में दी गई।
श्रीमती माया सिंह ने कहा कि अवैध कॉलोनियों के रहवासियों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए अवैध कॉलोनियों के विनियमितीकरण के सरलीकरण नियमों में संशोधन किया गया है। इसके लिये निकाय स्तर पर सर्वे कर प्रस्ताव भी मंगवा लिये गये हैं। श्रीमती सिंह ने निर्देश दिये कि अगले 15 दिन में नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाये। इसके लिये कॉलोनियों में शिविर लगाकर लोगों को योजना और उनके अंशदान के विषय में बतलाया जाये।
उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर, 2016 से पूर्व तक बसी ऐसी कॉलोनी, जिनमें कम से कम 10 प्रतिशत बसाहट हो, उसमें 70 प्रतिशत रहवासी निम्न आय वर्ग के होंगे, तो विकास व्यय की मात्र 20 प्रतिशत राशि रहवासियों से ली जाएगी। शेष 80 प्रतिशत राशि स्थानीय निकाय और राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी। इसके अतिरिक्त अन्य कॉलोनियों में आधी-आधी राशि रहवासियों और नगरीय निकाय एवं राज्य शासन द्वारा वहन की जायेगी।
मंत्री श्रीमती माया सिंह ने बताया कि रहवासियों की मदद के लिये राज्य सरकार द्वारा जन-भागीदारी की राशि में सांसद और विधायक निधि द्वारा दी गयी राशि को भी सम्मिलित किया जा सकता है। इसके साथ ही रहवासियों से जल, विद्युत एवं मल-निकासी के कार्यों की लागत नहीं ली जायेगी।
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