नई दिल्ली, 29 मई (जनसमा)। शीर्ष ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को प्रशिक्षित करने और सीएससी या काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ग्रामीण भारत में जीएसटी योजनाओं के कार्यान्वयन को सक्षम बनाने के लिए आज ‘’जीएसटी सेवा प्रदाता के रूप में सीएससी’’ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
काॅमन सर्विस सेंटर को जीएसटी सुविधा प्रदाता के रूप में प्रस्तावित किया गया। सीएससी व्यापारियों को पंजीकरण की मदद, रिटर्न दाखिल करने तथा जीएसटी के तहत विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मदद करेगा। ये देश भर में जीएसटी के कार्यान्वयन से संबंधित प्रशिक्षण आयोजित करेगा।
केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर के उद्यमी डिजिटल भारत के लिए रैपिड एक्शन फोर्स हैं और उन्हें उम्मीद हैं कि ये सही मायनों में भारत में डिजिटल क्रांति के अग्रदूत बन सकते हैं और आर्थिक रूप से समावेशी डिजिटल समाज का निर्माण कर सकते हैं। भारत डिजिटल क्रांति के अवसर को छोड़ना नहीं चाहता, बल्कि इसका लक्ष्य इस क्रांति का अगुवा बनना है और इसके लिए सीएससी या काॅमन सर्विस सेंटर हमारी मदद करेगा।
ग्रामीण स्तर पर सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए वीएलई सरकार की रणनीति के महत्वपूर्ण घटक है और वह दिन दूर नहीं है, जब दूर-दराज के ग्राहकों तक पहुंचने के लिए निजी उद्यमी सीएससी की तरफ रूख करेंगे। इस पहल की रोजगार क्षमता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में 2,50,000 सीएससी के माध्यम से लगभग दस लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। यह आंकड़ा भविष्य में 25 लाख तक जा सकता है, क्योंकि निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार होगा।
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