नई दिल्ली, 5 दिसम्बर | राजधानी दिल्ली में रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को भी बैंकों में नकदी लेने के लिए हजारों लोग पहुंचे। वे सुबह से ही कतार में लग गए। जो एटीएम काम कर रहे थे, वहां भी यही नजारा देखने को मिला।
दक्षिण दिल्ली में कालिंदी कुंज निवासी महेंद्र प्रकाश ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि पास के ही कैनरा बैंक एटीएम में सुबह पैसा आ गया है तो वह और उनकी पत्नी फौरन दौड़ पड़े।
फोटो : एक एटीएम के सामने लोगों की लंबी कतार
प्रकाश ने आईएएनएस को बताया कि उनकी सोसाइटी में एटीएम पिछले एक सप्ताह से खाली पड़ा है।
उन्होंने कहा, “सरकार और रिजर्व बैंक इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्हें 500 और 1,000 रुपये में नोटों को बदलने के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी।”
सरकार ने आठ नवंबर को काले धन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बड़े मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित किया था।
प्रकाश जब आईएएनएस से बातचीत कर रहे थे, तो उस वक्त उनकी पत्नी एक घंटे से भी अधिक समय से लाइन में लगी थीं।
कई एटीएम मशीनें सोमवार को भी पैसे न होने की वजह से खाली रहीं।
पूर्वी दिल्ली में निर्माण विहार के आईटी प्रोफेशनल साहिल राज ने भी यह शिकायत करते हुए कहा, “मुझे अपने घर का किराया देना है। मुझे अपनी काम वाली बाई और अन्य जरूरतों के भुगतान करने हैं। मैं सभी भुगतान नेट बैंकिंग के माध्यम से नहीं कर सकता।”
उन्होंने बताया, “मैं पिछले तीन दिनों से एटीएम से नकदी पाने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन जब मेरी बारी आती है तो गार्ड एटीएम में नकदी खत्म होने की घोषणा कर देता है।”
आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद से बैंकों और एटीएम में नियमित रूप से भारी भीड़ देखी जा रही है।
वहीं, कई बैंक ग्राहकों ने शिकायत की है कि उन्हें 24,000 रुपये प्रति सप्ताह भी निकालने की अनुमति नहीं मिल रही है, जिसकी भारतीय रिजर्व बैंक ने स्वीकृति दी है। बैंक अधिकारी नकदी की कमी का हवाला देते हुए केवल 4,000-6,000 रुपये ही दे रहे हैं। –आईएएनएस
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