भोपाल, 02 जनवरी। मध्यप्रदेश में लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम में नागरिक अधिकारों को मजबूत किया गया है। अधिनियम के दायरे में 23 विभाग की 164 सेवाओं को लाया गया है। इनमें से 110 सेवाएँ नागरिकों को ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं।
प्रदेश में नागरिकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिये सभी विकास खण्ड, तहसील एवं नागरिक क्षेत्र में 413 लोक सेवा केन्द्र पी.पी. मॉडल पर संचालित किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क को भी लोक सेवा गारंटी के अन्तर्गत सेवा देने के लिये अधिकृत किया है। नागरिकों को अब ऑनलाइन डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्रदान किये जा रहे हैं। समस्त डिजिटल हस्ताक्षरित सर्टिफिकेट एक कॉमन रिपॉजिटरी वेबसाइट mpedistrict पर उपलब्ध है।
सरकारी प्रक्रियाओं को सरल बनाकर स्व-घोषणा-पत्र के आधार पर स्थानीय निवासी और आय प्रमाण-पत्र जारी किये जा रहे हैं। राज्य सरकार का यह कदम लोक सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। प्रदेश में स्कूलों के छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिये अभियान चलाया गया। अब तक एक करोड़ 10 लाख जाति प्रमाण-पत्र डिजिटल हस्ताक्षरित रंगीन प्रदान किये जा चुके हैं। लोक सेवा प्रबंधकों द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम में सीएम हेल्पलाइन 181 का जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इन्टीग्रेशन प्रक्रिया
नागरिकों को राज्य शासन से संबंधित अधिक से अधिक सेवाएँ समय-सीमा में सरलता से और आसानी मिल सके, इसके लिये इन्टीग्रेशन प्रक्रिया अपनाई गई है। नवीन नीति अनुसार लोक सेवा केन्द्रों के जरिये दी जाने वाली सभी सेवाएँ एम.पी. ऑनलाइन, कियोस्क के माध्यम से तथा एम.पी.आनलाइन की चिन्हित सेवाएँ लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। लोक सेवा केन्दों एवं एम.पी.आनलाइन के इंटीग्रेशन प्रक्रिया, नवीन पेमेंट गेटवे तथा सी.एम.हेल्पलाइन के संबंध में लोक सेवा प्रबंधकों और एम.पी.ऑनलाइन टीम को प्रशिक्षण दिया गया है।
सेवाओं की गुणवत्ता को बनाने के लिये जिला प्रबंधक एंव एम.पी. ऑनलाइन को-ऑर्डिनेटर को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह मास्टर ट्रेनर अपने-अपने जिलों में लोक सेवा केन्द्रों एवं एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क आपरेटर्स को जिला स्तर पर आर.सी.बी.सी. सेंटर से इस प्रोजेक्ट में प्रशिक्षण देंगे।
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