इंफाल, 3 दिसम्बर | मणिपुर के नौकरीपेशा वर्ग को इस समय काफी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है, क्योंकि यहां के बैंकों और एटीएम बूथों में पैसा नहीं है। कुछ बैंकों ने शनिवार को नोटिस जारी किए, जिनमें लिखा था, “आरबीआई ने नकदी उपलब्ध नहीं कराई है।”
नोटबंदी के बाद नकदी की कमी के कारण शुक्रवार को यहां कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला।
सरकारी और निजी सेक्टर दोनों के कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि नकदी की कमी के चलते बैंक भुगतान नहीं कर पा रहे।
हालांकि बैंक सभी प्रकार की जमा राशि स्वीकार कर रहे हैं।
वहीं, आरबीआई के सूत्रों और ऑल मणिपुर बैंक एम्प्लाई एसोसिएशन के अनुसार, मणिपुर को 100 रुपये और इससे छोटे नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए गए हैं। फिर भी इन छोटे नोटों की कमी बनी हुई है। आरोप है कि हेरफेर के जरिये ये नोट साहूकारों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बैंकों और एटीएम बूथों से 2,000 रुपये निकालना भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य या अन्य आपातकालीन जरूरतों के लिए लोगों को बड़ी मात्रा में 2,000 और 500 और 100 के नोट उधार लेने पड़ रहे हैं, जिसके लिए उन्हें 15-20 प्रतिशत ब्याज देना पड़ रहा है।
इंफाल में एक बड़ी दुकान चलाने वाले गोपाल दास ने कहा, “मेरे उद्यम में 20 कर्मचारी हैं। इस महीने मैंने उन्हें चेक देने की कोशिश की, जिसे उन्होंने लेने से मना कर दिया।”
एक कर्मचारी बोयनाओ ने कहा, “मुझे अपने घर भेजने के लिए नकद रुपये की जरूरत है। मेरे गांव में बैंक की सुविधा नहीं है और मेरे माता पिता अनपढ़ हैं, इसलिए उनके लिए चेक बेकार है।”
मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशों में जमा काला धन वापस लाने में नाकाम रहे, इसलिए उन्होंने नोटबंदी का सहारा लिया है।”
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार मणिपुर के लिए भी पर्याप्त नकद उपलब्ध नहीं करा सकती, जिसकी आबादी 28 लाख से भी कम है।” –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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