चंडीगढ़/पणजी, 4 फरवरी | पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार को शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। नई सरकार के गठन के लिए हुए इस मतदान में बड़ी संख्या में मतदाता अपने घरों से निकले। पिछले साल नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके गठबंधन सहयोगियों के लिए यह पहली परीक्षा है। पंजाब में 117 विधानसभा सीटों के लिए जहां 1.99 करोड़ मतदाता अपने घरों से निकले, वहीं गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए 11 लाख मतदाता नई सरकार के गठन में अपनी भागीदारी निभाने के लिए घरों से निकले। पंजाब में जहां 72 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, वहीं गोवा 83 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि दोनों राज्यों में मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है, क्योंकि मतदान खत्म होने का समय शाम पांच बजे के बाद भी बड़ी संख्या में मतदाता वोट डालने के लिए कतार में लगे हुए थे।
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 117 सीटों पर शनिवार को करीब 72 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। कुछ जगहों पर मामूली वाद-विवाद एवं झड़प को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा।
सतलुज नदी के दक्षिण में स्थित मालवा क्षेत्र में सुबह से ही लोगों में मतदान के प्रति खासा उत्साह दिखा। राज्य की 117 सीटों में से 69 सीटें मालवा क्षेत्र में पड़ती हैं, जो किसी पार्टी की जीत के लिए निर्णायक साबित होती हैं। यहां अकाली दल-भाजपा गठबंधन, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला रहा।
संगरूर और फाजिल्का में सर्वाधिक 73 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। इसके बाद मनसा और फतेहगढ़ साहिब जिले में 72 फीसदी मतदान हुआ।
ब्यास नदी के उत्तर में स्थित माझा और ब्यास और सतलुज नदी के बीच बसे दोआब क्षेत्र में मतदान प्रतिशत अच्छा रहा। शाम पांच बजे तक कुछ विधानसभा सीटों पर 75 से 78 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
अमृतसर और रोपड़ जिलों में शाम पांच बजे तक सबसे कम 60 फीसदी मतदान हुआ था।
क्या शहरी क्या ग्रामीण सभी इलाकों में मतदाताओं में गजब का उत्साह दिखा। ठंड के बावजूद लोग सुबह ही मतदान केंद्र पहुंच गए। मतदान शुरू होने के समय मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लग गईं थीं।
अमृतसर लोकसभा सीट के लिए भी शनिवार को मतदान हुआ।
कुछ मतदान केंद्रों पर तकनीकी वजहों से मतदान थोड़े विलंब से शुरू हुआ। करीब 150 मतदान केंद्रों से ईवीएम के सही नहीं काम करने की शिकायतें मिलीं।
प्रदेश में कुल 22,614 मतदान केंद्र बनाए गए थे। राज्य में 2012 के विधानसभा चुनाव में 78.57 फीसदी मतदान हुआ था।
चुनाव में 1.98 करोड़ योग्य मतदाता थे। चुनाव मैदान में 1,145 उम्मीदवार थे, जिनमें 81 महिलाएं और एक किन्नर उम्मीदवार हैं। इस बार छह लाख से अधिक मतदाताओं को पहली बार मताधिकार मिला था।
उधर गोवा की 40 विधानसभा सीटों के लिए 83 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि यह आंकड़ा शाम पांच बजे तक का है और इसके बाद मतदाता वोट डालने के लिए कतार में लगे थे।
राज्य में 2012 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 82.2 फीसदी रहा था, जो अब तक का सर्वाधिक है।
शुरुआती घंटों में मतदान करने वालों में देश के रक्षामंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर रहे। उन्होंने पणजी में वोट डाला। मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने मंद्रेम में वोट डाला।
राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एल्विस गोम्स ने भी वोट डाला।
गोवा चुनाव में 251 उम्मीदवार आमने-सामने हैं। चुनाव मैदान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिवसेना, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) व गोवा सुरक्षा मंच हैं।
मतदान के कारण राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। राज्य पुलिस के अलावा 8,000 से अधिक अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को 1,642 मतदान केंद्रों पर तैनात किया गया था।
सभी पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए मतगणना 11 मार्च को होगी।
–आईएएनएस
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