नई दिल्ली, 25 मई (जनसमा)। मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जो अभियान चलाया है उसके तहत आयकर निदेशालय ने मंगलवार 23 मई तक 400 से अधिक बेनामी लेनदेन की पहचान कर ली है।
केंद्र सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, आयकर विभाग ने नए बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम 2016 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। यह कार्रवाई 1 नवंबर 2016 से लागू होगी।
जिन 400 से अधिक बेनामी लेनदेन की पहचान की गई है उसमें बैंक खाते, जमीनें, फ्लैट और आभूषण आदि शामिल हैं। इन सभी संपत्तियों का मूल्य 600 करोड़ रुपए से अधिक आंका जा रहा है।
40 मामलों में जो अचल संपत्ति ‘अटैच्ड’ की गई है उसकी कुल कीमत 530 करोड़ रुपए है और यह अचल संपत्तियां कोलकाता, मुम्बई, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हैं।
मध्यप्रदेश के जबलपुर में तो एक ऐसा बेनामी संपत्ति का मालिक मिला है जो 7.7 करोड़ रुपए की जमीनों का मालिक है किंतु वह ड्राइवर की नौकरी करता है। वस्तुतः इस जमीन की मालिक मध्यप्रदेश में लिस्टेड एक कंपनी है।
मुम्बई में एक पेशेवर की पहचान की गई है जिसके पास कई अचल संपत्तियां हैं और ‘शेल’ कंपनी के नाम से है जो केवल कागजों पर ही दिखाई देती है।
एक ऐसा ही बेनामी संपत्ति मामला राजस्थान के सांगानेर में देखा गया और पहचान की गई। वहां एक जौहरी के पुराने कर्मचारी के नाम अनेक अचल संपत्तियां थीं। जिसके पास 9 अचल संपत्तियां हैं लेकिन इन संपत्तियों उस पूर्व कर्मचारी का कोई लेनादेना नहीं है।
आयकर विभाग ने 10 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की भी पिछले एक महीने में पहचान की है जिनके पास भ्रष्टाचार से अर्जित कालेधन की संभावना है।
आयकर विभाग आर्थिक अपराध करने वालों पर सख्ती से कार्रवाही करेगा।
बेनामी संपत्ति रखने और उसका लाभ उठाने के मामले में आयकर विभाग के संशोधित अधिनियम के अनुसार 7 वर्ष तक के कठोर कारावास और संपत्ति के उचित बाजार मूल्य के 25 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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