नई दिल्ली, 16 मई (जनसमा)। मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ कथित एक हजार करोड़ की ‘बेनामी संपत्ति’ मामले में आयकर (आईटी) विभाग ने 22 स्थानों पर छापेमारी की।
आईटी ने यह छापेमारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यह कहने के एक दिन बाद की है कि अगर राजद प्रमुख और उनके परिवार के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो केंद्र सरकार मामले में कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
छापेमारी से से भड़के राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने ट्वीट करते हुए भाजपा पर हमला बोला है और कहा है कि वो किसी से डरने वाले नहीं है। लालू ने अपने ट्वीट में लिखा है कि भाजपा को नए गठबंधन के साथी मुबारक हों। लालू प्रसाद झुकने और डरने वाला नहीं है। जब तक आखिरी सांस है फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ता रहूंगा।
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा है, भाजपा में हिम्मत नही कि लालू की आवाज को दबा सके। लालू की आवाज दबाएंगे तो देशभर मे करोड़ो लालू खड़े हो जाएंगे। मैं गीदड़ भभकी से डरने वाला नही हूं। अरे पढ़े-लिखे अनपढ़ों, ये तो बताओ कौन से 22 ठिकानों पर छापेमारी हुई। भाजपा समर्थित मीडिया और उसके सहयोगी घटकों (सरकारी तोतों) से लालू नही डरता।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं का आरोप है कि लालू के पास सैकड़ों बेनामी संपत्तियां हैं।
आईटी की छापेमारी के बाद भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने पटना में मीडिया से कहा कि इस मामले में उनके कथन की पुष्टि हुई। सुशील मोदी लालू और उनके परिवार पर लगातार बेनामी संपत्तियां होने का आरोप लगाते रहे हैं।
छापेमारी पर सुशील कुमार मोदी ने कहा इसके बाद अब नीतीश कुमार को यह तय करना है कि वो सरकार में लालू के साथ रहेंगे या जाएंगे। मोदी ने कहा कि मैंने प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले को सार्वजनिक किया था, मैंने कोई दस्तावेज नहीं सौंपे थे। इसमें प्रेमचंद गुप्ता, लालू समेत आधा दर्जन नेताओं का नाम मैंने लिया था। मैंने अपील की थी, जिसके बाद यह छापेमारी की थी। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नीतीश कुमार ये नहीं कहेंगे कि ये छापेमारी बदले की भावना से की गई है।
वहीं, नीतीश कुमार की बात से बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू के बेटे तेजस्वी यादव काफी नाराज हो हैं। जब मीडिया के कुछ लोगों ने नीतीश कुमार के इस बयान पर तेजस्वी यादव से जवाब मांगा तो वह उखड़ गए. बोले, क्या एक ही परिवार की जांच होती रहेगी। उन पर (विपक्षी नेता) लगे आरोपों की जांच नहीं होगी।
उन्होंने अपनी इस नाराजगी को दो ट्वीट के जरिए साझा भी किया। एक रीट्वीट में उन्होंने संदेश कहा कि आखिर क्यों मीडिया विपक्ष पर ही हमलावर है जबकि बीजेपी के घोटालों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
(फाइल फोटो)
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