नई दिल्ली, 31 अगस्त | भारत और अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान से कहा कि वह 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले तथा पठानकोट वायुसेना अड्डे पर 2016 में हुए आतंकवादी हमले के गनहगारों को कानून के कटघरे में खड़ा करे। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को द्वितीय रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के बाद बुधवार को जारी एक संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने सभी रूपों में आतंकवाद की एक बार फिर निंदा की और इस्लामिक स्टेट (आईएस), अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, डी कंपनी तथा इससे संबद्ध संगठनों और हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित ठिकानों को बर्बाद करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
संयुक्त बयान के मुताबिक, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान से 2008 के मुंबई हमलों तथा 2016 के पठानकोट हमले के गुनहगारों को कानून के कटघरे में लाने की मांग की।”
बयान में कहा गया है, “दोनों पक्ष सीमा पार से आतंकवाद सहित आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाले अन्य संगठनों पर नजर रखना और विचार करना जारी रखेंगे।”
भारत तथा अमेरिका दोनों देश दुनिया भर में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए व्यावहारिक सहयोग में इजाफा कर आतंकवाद से निपटने को लेकर साल 2015 के संयुक्त घोषणापत्र के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
बयान के मुताबिक, “दोनों पक्षों ने वाशिंगटन में जुलाई 2016 में भारत-अमेरिका काउंटर टेररिज्म जॉइंट वर्किं ग ग्रुप की बैठक के दौरान आतंकवाद से निपटने के मुद्दों को पर हुई चर्चा का उल्लेख किया और आतंकवादियों से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान, आतंकवादी संगठनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर समन्वय बढ़ाने तथा परस्पर कानूनी सहायता के आग्रह को शीघ्र पूरा करने का स्वागत किया।”
बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों पक्ष आतंकवाद से निपटने के लिए अधिक से अधिक संयुक्त आदान-प्रदान व कार्यक्रम विकसित कर रहे हैं तथा द्विपक्षीय साझेदारी को गहरा करने के लिए पहल कर रहे हैं।
संयुक्त बयान में सुषमा व जॉन केरी ने पाकिस्तान से आतंकवादियों व आपराधिक गिरोहों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने और अच्छे तथा बुरे आतंकवाद के बीच कोई फर्क न करने को कहा। —आईएएनएस
Follow @JansamacharNews