लंदन, 18 मई। भारत और यूके ने 2030 के रोडमैप पर विचार किया और उन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया जहां यूके और भारत ने दुनिया की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम किया है।
राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में स्थायी अवर सचिव सर फिलिप बार्टन और भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने वार्षिक यूके-भारत रणनीतिक वार्ता के लिए 17 मई को लंदन में मुलाकात की।
उन्होंने जनवरी 2023 में आखिरी वार्ता के बाद से यूके-भारत 2030 रोडमैप पर हुई प्रगति की समीक्षा की और द्विपक्षीय सहयोग के अगले चरण की प्रतीक्षा की।
दोनों ने पिछली समीक्षा के बाद से
इसमें दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन पर सहयोग करना, भारत की सफल G20 प्रेसीडेंसी पर बारीकी से काम करना और माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप के तहत छात्रों और उद्यमियों के लिए अवसर बढ़ाना शामिल था।
पिछली समीक्षा के बाद से मील के पत्थर का जश्न मनाने के साथ-साथ, इस वर्ष की बातचीत में पारस्परिक रूप से लाभप्रद मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत करने और रक्षा सहयोग बढ़ाने की चल रही प्रतिबद्धता शामिल थी।
यात्रा के दौरान, क्वात्रा ने दक्षिण एशिया मंत्री, विंबलडन के लॉर्ड अहमद से भी मुलाकात की और एफटीए, प्रवासन और राष्ट्रमंडल पर चर्चा की।
लॉर्ड अहमद ने कहा: हमें भारत के साथ सहयोग को गहरा करने की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के लिए लंदन में भारतीय विदेश सचिव क्वात्रा की मेजबानी करते हुए खुशी हो रही है। मैं व्यापार, रक्षा, जलवायु और स्वास्थ्य पर एक साथ काम करते हुए हमारे संबंधों के और मजबूत होने की आशा करता हूं।
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