India Bloc calls Union Budget 2024 'discriminatory'

केंद्रीय बजट 2024 को इंडिया ब्लॉक ने ‘भेदभावपूर्ण’ कहा

नई दिल्ली, 24 जुलाई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024 को इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने ‘भेदभावपूर्ण’ बताया और बजट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

पत्रकारों से बात करते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “कई लोगों को (केंद्रीय बजट में) न्याय नहीं मिला। हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं।”

विपक्ष के आरोपों और विरोध पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, “…हर बजट में, आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता…कैबिनेट ने वडावन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है?

उन्होंने कि यदि बजट भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं?

सीतारमण ने कहा ‘यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष द्वारा लोगों को यह धारणा बनाने का एक प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है…”

कुमारी शैलजा

लोकसभा में कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी जी इसी सदन में अग्निवीर योजना के खोखलेपन का पर्दाफाश कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे करे, लेकिन इस योजना की असलियत आपको जमीन पर जाने से पता चल जाएगी।

शैलजा ने आरोप लगाया कि सरकार सेना और जवान दोनों के साथ नाइंसाफी कर रही है। ये योजना युवा विरोधी और सेना विरोधी है।हमारी मांग है कि अग्निवीर योजना को खत्म कीजिए और जय जवान-जय किसान के नारे को बुलंद कीजिए।

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम

उधर राज्य सभा में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मेरी पाँच माँगें हैं! मैं वित्त मंत्री से हमारे घोषणापत्र से कॉपी करने का आग्रह करूँगा।

मैं यह माँग करता हूँ, और मैं जवाब चाहूँगा। यदि आप नहीं करते हैं, तो ऐसा नहीं है कि ये माँगें शांत हो जाएँगी। वे भारत में हर जगह गूँजेंगी, जहाँ भारत ब्लॉक को बोलने का अधिकार है।

  1. हम हर तरह के रोज़गार के लिए 400 रुपये प्रतिदिन का न्यूनतम वेतन माँगते हैं।

  2. कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी चाहते हैं।

  3. हम मार्च 2024 तक दिए गए शिक्षा ऋणों की किश्तों के लिए बकाया ब्याज को माफ करने की माँग करते हैं।

  4. हम अग्निवीर योजना को पूरी तरह से समाप्त करने की माँग करते हैं।

  5. हम मांग करते हैं कि NEET को खत्म किया जाए, और यदि कुछ राज्य इसे रखना चाहते हैं, तो उन सभी राज्यों को छूट दी जाए जो इसे नहीं रखना चाहते हैं।

ये माँगें न केवल इस सदन में बल्कि पूरे देश में तब तक गूँजती रहेंगी जब तक आप इन माँगों को स्वीकार नहीं करते।