भारत और चीन ने बीजिंग में हुई दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में सीमा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों के बीच संचार और सहयोग को मजबूत करने तथा एक-दूसरे में विश्वास को और दृढ करने पर जोर दिया है।
बीजिंग में बीते सप्ताह गुरूवार 17 नवंबर को भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 10 वें दौर की बैठक सम्पन्न हुई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्व एशिया), प्रणय वर्मा ने किया था। चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीन के विदेश मामलों के मंत्रालय में एशियाई मामलों के महानिदेशक जिओ क़ियान ने किया। दोनों प्रतिनिधिमंडलों में प्रत्येक पक्ष के राजनयिक और सैन्य अधिकारी शामिल थे।
वार्ता एक रचनात्मक और प्रगतिशील तरीके से आयोजित की गई थी। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के सभी क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की और सहमति व्यक्त की कि द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमा क्षेत्रों में शांति और समन्वय बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
इस संबंध में, दोनों पक्षों ने अधिक विश्वास निर्माण के उपायों और सैन्य-से-सैन्य संपर्कों को मजबूत करने पर भी विचार किया। साथ ही साथ दोनों देशों के सीमा सुरक्षा कर्मियों के बीच संचार और सहयोग को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया।
डब्ल्यूएमसीसी का गठन 2012 में भारत-चीन के सीमा क्षेत्रों में शांति बनाये रखने, परामर्श करने और समन्वय के लिए संस्थागत तंत्र के रूप में किया गया था।
दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर डब्ल्यूएमसीसी की अगली बैठक आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।
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