भारत और चीन (India and China) ने वित्तीय वार्ता द्वारा विकास और साझेदारी को और ज्यादा मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है।
यह निष्कर्ष आज 25 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित भारत-चीन के बीच वित्तीय वार्ता (India-China Financial dialogue) के लिए आयोजित बैठक में निकला।
चीन की वित्त उप मंत्री (Vice Minister) सुश्री जोऊ जियाई (Ms. Zou Jiayi) की अगुवाई में आए एक उच्चस्तरीय चीनी प्रतिनिधमंडल ने भारत के आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव अतानु चक्रबर्ती के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पारस्परिक हित वाले विभिन्न मुद्दों पर संवाद किया।
भारत-चीन के बीच नवें दौर की वित्तीय वार्ता के समापन पर एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया, जो वित्तीय क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने के लिए आपसी समझ और साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है।
Photo : The Secretary, Department of Economic Affairs, Atanu Chakraborty at the 9th India China Financial Dialogue, in New Delhi on September 25, 2019.
अप्रैल, 2018 में भारत के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति के बीच वुहान में आयोजित ऐतिहासिक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संवाद एक नये दौर में प्रवेश कर गया है।
भारत-चीन वित्तीय वार्ता दरअसल दोनों देशों के बीच एक ऐसी व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है।
भारत चीन वित्तीय वार्ता (India-China Financial dialogue) के दौरान दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक परिदृश्य एवं नीति, बहुपक्षीय रूपरेखा के अंतर्गत सहयोग, द्विपक्षीय निवेश और वित्तीय सहयोग पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।
भारत चीन वित्तीय वार्ता (India-China Financial dialogue) के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर सहमति व्यक्त की।
व्यापार एवं आर्थिक सहयोग में और अधिक संतुलित एवं स्वस्थ वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आपसी प्रयासों में तेजी लाने पर भी जोर दिया।
वार्ता के दौरान दोनों देशों ने विकास साझेदारी को और ज्यादा मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी जताई।
भारत चीन वित्तीय वार्ता (India-China Financial dialogue) का अगला दौर चीन में आयोजित किया जाएगा।
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