नई दिल्ली, 02 जुलाई। भारत और चीन (India China) लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर शांति, सद्भाव तथा आपसी समझ के साथ समाधान निकालने के लिए सहमत (committed) हुए हैं।
ऐसे संकेत मिले हैं कि भविष्य में भी भारत और चीन (India China) के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर और भी विचार-विमर्श करने की संभावना है।
भारत और चीन (India China) सीमा पर पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए शीर्ष सैन्य कमांडरों की यह तीसरी बैठक थी।
यह बैठक विदेश मंत्री एस. जयंशकर और चीन के विदेशी मंत्री के बीच 17 जून को हुई बातचीत के अनुरूप आयोजित की गई थी। \
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बैठक में बनी सहमतियों पर दोनों देश 72 घंटों तक एक-दूसरे पर नजर रखेंगे। हालांकि इन सैन्य वार्ताओं के बावजूद सीमा पर तनाव जस का तस बना हुआ है।
हालांकि 30 जून को हुई 12 घंटे की कोर कमांडरों की बातचीत के बारे में भारत के विदेश मंत्रालय या सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है लेकिन इस बीच चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ का दावा है कि दोनों देश चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाने के लिए तैयार हो गए हैं।
अखबार ने कहा है कि चीन-भारत कमांडर स्तर की बैठक एक समझौते पर पहुंच गई है।
दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीकों से सीमावर्ती क्षेत्रों से सैनिकों को हटाएंगे लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी प्रक्रिया कब और कैसे होगी। सीमा तनाव को कम करने के लिए मजबूत उपाय अपनाए जाएंगे।
भारत और चीन (India China) के बीच लगातार तीन दौर की कोर कमांडर वार्ताएं हो चुकी हैं। इसी बीच एलएसी के करीब चीनी सेना ने 20 हजार से अधिक सैनिकों की तैनाती की है।
इस बीच चीन की सरहद पर भारतीय सेनाओं का मोर्चा मजबूत होने के बाद अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद सेना प्रमुख एमएम नरवणे के साथ शुक्रवार यानि कल लेह पहुंचेंगे और पूर्वी लद्दाख में चीन से बने तनाव की स्थिति पर सुरक्षा हालातों की समीक्षा करेंगे।
रक्षा मंत्री पूर्वी लद्दाख की सीमा में अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों से भी मिलेंगे।
वह गलवान के उन बहादुरों से भी मिलने लेह के आर्मी अस्पताल जाएंगे जो 15/16 जून की रात को चीनियों के हिंसक हमले में घायल हुए थे।
रक्षा मंत्री को लेह के 14 कोर मुख्यालय में सीमा पर सेनाओं की तैनाती और तैयारियों के बारे में व्यापक जानकारी दी जाएगी।
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