चेन्नई (Chennai) के निकट प्राचीन बंदरगाह शहर मामल्लापुरम् (Mamallapuram) में भारत और चीन (India and China ) के बीच जिस दोस्ताना और गर्मजोशी भरे माहौल में बातचीत हुई वह एक ऐसे नए युग की शुरूआत है जिसमें व्यापार (trade) क्षेत्र में मिलकर आगे बढ़ने और मुद्दों को आपसी समझ से सुलझाने का विश्व व्यापी (World wide )कूटनीतिक संदेश ( diplomatic message) है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने कहा, भारत और चीन के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता ( India China Informal Summit) से सहयोग के नये युग की शुरूआत होगी। दोनों देश व्यापार और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक नई उच्चस्तरीय व्यवस्था कायम करने को सहमत है।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्राचीन काल से भारत और चीन दुनिया में प्रमुख आर्थिक शक्तियां रहे हैं और अब दोनों देश प्रमुख स्थान हासिल कर रहे हैं।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) ने अपनी यात्रा को यादगार बताते हुए कहा कि वह तमिलनाडु सरकार और यहाँ के लोगों और भारत सरकार द्वारा दिए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से अभिभूत हैं।
शिखर सम्मेलन (Summit) के समापन के दिन शनिवार 12 अक्टूबर, 2019 को दोनों नेताओं ने पल्लव युग के तटीय शहर के शांत वातावरण में आज सुबह लगभग डेढ़ घंटे तक बातचीत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराया कि दोनों देश वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने यह भी दोहराया कि दोनों पक्ष किसी भी मुद्दे पर अपने मतभेदों का विवेकपूर्ण प्रबंधन करेंगे।
अनौपचारिक शिखर (Informal summit) सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विभिन्न विषयों पर एक दोस्ताना माहौल में विचारों के गहन आदान-प्रदान के बाद भारत और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में अपने उद्घाटन भाषण में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, वुहान शिखर सम्मेलन (Wuhan Summit) ने दोनों देशों के बीच एक नई गति और विश्वास प्रदान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज चेन्नई विजन (Chennai vision) को सहयोग के एक नए युग के रूप में देखा गया है।
वुहान शिखर सम्मेलन (Smmit) के परिणाम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार में वृद्धि हुई है, जिससे द्विपक्षीय स्थिरता में वृद्धि हुई है और एक नई गति आई है।
वार्ता के अंत में, दोनों नेताओं ने रेशम साड़ियों की बुनाई का एक जीवंत प्रदर्शन देखा और एक हस्तशिल्प प्रदर्शनी का दौरा किया।
प्रधान मंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को विशेष रूप से बुनी हुई शॉल भेंट की। राष्ट्रपति शी ने रिटर्न गिफ्ट पेश किया।
विदेश सचिव विजय गोखले ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों नेताओं ने छह घंटे तक बातचीत में खुद को व्यस्त रखा।
विदेश सचिव ने कहा कि चीन ने व्यापार (trade) पर भारत की चिंताओं को दूर करने की इच्छा व्यक्त की है और मात्रा और मूल्यों के मामले में बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार करने के लिए सहमत हुआ है।
दोनों नेताओं ने सेवाओं में व्यापार के लिए उचित स्थान के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद और संतुलित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी के लिए बातचीत पर भी सहमति व्यक्त की।
राष्ट्रपति शी ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और फार्मा कंपनियों की चीन में उपस्थिति का स्वागत किया।
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