— नीति गोपेंद्र भट्ट – India Fights Corona: स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिन में 11ः36 बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार शनिवार 18
फोटो: विश्वास मेहता यूट्यूब से साभार
अप्रैल, 2020 को केरल में कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम में जारी सरकारी रिलीज में कहा गया था कि केरल में 10 लोग ठीक हुए, सिर्फ़ एक नया मामला आज आया है। कुल 138 मरीज़ों का इलाज जारी है।
केरल में 17 अप्रैल के राहत भरे एक दिन में, कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण का कोझीकोड ज़िले से सिर्फ़ एक मामला सामने आया है। इस व्यक्ति को स्थानीय संपर्क के माध्यम से संक्रमण हुआ है।
इसके साथ ही अस्पतालों में उपचाराधीन 10 रोगियों के परीक्षण के परिणाम आज नकारात्मक आए – कासरकोड ज़िले के छह, एर्नाकुलम ज़िले के दो, और मलप्पुरम और एर्नाकुलम जिलों से एक-एक मरीज़।
अब तक केरल में कोरोनावायरस संक्रमण के कुल 395 मामलों की पुष्टि हुई है और 138 मरीज़ों का फ़िलहाल राज्य भर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अब तक ठीक हो चुके लोगों की संख्या 255 है।
राज्य भर में निगरानी के तहत लोगों की संख्या 78,980 तक आ गिरी है। इनमें से 78,454 अपने घरों पर, और 526 अस्पतालों में आइसोलेशन में हैं। आज 84 व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लक्षणों वाले 18,029 लोगों के सैंपल अब तक परीक्षण के लिए भेजे गए हैं, और इनमें से 17,279 नमूनों में कोई संक्रमण नहीं पाया गया।
स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय मंत्री श्रीमती के के शैलजा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी।
दूसरी ओर कोरोना की वैश्विक महामारी के बीच केरल इन दिनों कोविड -19 के विरुद्ध मुख्यमन्त्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में लड़ी जा रही जंग के लिए चर्चा में है। इसमें राजस्थान का एक लाल डॉ.विश्वास मेहता भी अपनी मुख्य भूमिका निभाते हुए कमाल कर रहे हैं।
डॉ.मेहता केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) हैं और वहाँ कोविड के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान (Kerala fights corona) के ओवर ऑल इंचार्ज भी। विश्वास मेहता राजस्थान के उदयपुर संभाग के डूंगरपुर नगर के मूल निवासी है।
1986 बेच के आईएएस मेहता अपने होम केडर स्टेट केरल की कोरोना के विरुद्ध मिल रही सफलता की कहानी का बयान करते हुए बताते है कि पिछले वर्ष बाढ़ की विभीषिका भुगत चुके केरल के सामने हाल ही के वर्षों में यह दूसरी बहुत बड़ी अग्नि परीक्षा हैं जिसका बहुत ही शिद्दत के साथ सामना किया जा रहा हैं।
केरल में कोरोना के ख़िलाफ़ जंग लड़ने के मुख्य सूत्रधारों में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती के के शैलाजा, मुख्य सचिव टॉम जॉस और प्रमुख स्वास्थ्य सचिव डॉ.राजन एन खोबरागड़ आदि की टीम के अलावा अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि,चिकित्सक,नर्सिंग स्टाफ़ से लेकर पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास (जोईंट एफ़र्ट्स ) रंग दिखा रहे हैं ।
यहीं कारण है कि केरल कोरोनावायरस संक्रमण के फैलाव को सही ढंग से नियंत्रित करने में सफल रहा है ।साथ ही देश विदेश में सभी के लिए एक मिसाल भी बन गया है।
यह तथ्य किसी से छुपा हुआ नहीं है कि भारत में कोरोनावायरस का सबसे पहला केस नए वर्ष जनवरी 2020 के प्रारम्भ में केरल राज्य से ही देश के सामने आया था ।
यहां के कुछ मेडिकल छात्र कोरोना ग्रस्त चीन के वुहान शहर से स्वदेश लोटे थे और उनमें इस वायरस के पॉजिटिव लक्षण पाए गए थे I
इसकी जानकारी मिलते ही भारत सरकार के साथ-साथ केरल सरकार तुरंत हरकत में आई और संक्रमित छात्रों को सामाजिक रूप से अलग थलग रख यानि क्वारंटाइन कर तत्काल उनका इलाज शुरू किया गया I इसके परिणाम अच्छे रहे और कुछ दिनों बाद स्वस्थ होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई।
केरल में कोरोना से दो लोगों की मृत्यु होने के बाद तो राज्य सरकार ने कोरोना पर विजय पाने के लिए कमर ही कस ली और इस जंग में जीत कर निकलने के लिए हर सम्भव उपाय अपनायें।
केरल के मुख्यमन्त्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में जिस प्रकार केरल सरकार और वहाँ के प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों को सबसे अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया है उसका अनुसरण आज अन्य सरकारें भी कर रही हैं ।
केरल में कोरोना रोगियों की संख्या पर अंकुश लगा इसे 50 प्रतिशत से भी अधिक नीचे लाया गया है।साथ ही राज्य में कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या भी दो से अधिक नहीं बढ़ने देने में सफलता हासिल की है।
केरल की विपदाओं से निपटने की रणनीति अन्य प्रदेशों के लिए एक आदर्श उदाहरण बन गई हैं।
केरल में कोरोना के विरुद्ध जंग लड़ रहे प्रमुख योद्धाओं में शामिल डॉ विश्वास मेहता भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रहे है। इससे पूर्व वे केरल के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव रहते हुए स्वाइन फ़्लू और इबोला आदि बीमारियों के विरुद्ध भी सफलता पूर्वक जंग लड़ चुके है। डॉ मेहता का यह अनुभव कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में काफ़ी काम आ रहा है।
वे राज्य सरकार द्वारा गठित चार आपात समूहों के कार्यों का सूपरवीजन करते हुए रोज़ अपने सत्रह अठारह घण्टे के काम की रिपोर्ट सीधे ही मुख्यमंत्री को देते है।
उनका कहना है कि मुख्यमन्त्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में राज्य सरकार की ज़बरदस्त रणनीति के कारण ही आज केरल देश में एक मोडल राज्य माना जा रहा है।
उनका कहना है कि विपरीत परिस्थितियों में यदि आपकी सरकार और प्रशासन की ढोस रणनीति,बेहतर सूझबूझ, सटीक पूर्वानुमान, श्रेष्ठ कार्य योजना (विशेष कर माइक्रो लेवल प्लानिंग ) तथा जमीनी स्तर पर टीम की तत्परता एवं कार्य कुशलता और कुशल प्रबंधन को धरातल पर उतरा जावें तो बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसान हो सकती हैं I केरल सरकार इस मूल मन्त्र के साथ काम कर रही है।
लॉक डाउन के पहले से ही केरल द्वारा अपनाई गई इस रणनीति में लोगों की समग्र निगरानी (स्ट्रेट सर्विलांस) और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के कार्य प्रमुख रहे ।
डॉ विश्वास बताते है कि हमने उभरती परिस्थितियों में 1.72 लाख लोगों को कोविड के लिए निगरानी में रखा और हमारे स्वास्थ्य एवं पंचायत कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों ने दैनिक आधार पर व्यापक एवं सतत संपर्क किया और देखा कि कोरोना का लक्षण किसी भी व्यक्ति को संक्रमित तो नहीं कर रहा? इसका परिणाम रहा कि आज निगरानी में रखे जाने वाले लोगों की संख्या घट कर 88,885 रह गई है ।ऐसा तभी सम्भव हो पाया क्योंकि प्रदेश में 14 दिन के क्वारंटाइन का सख्ती से पालन किया गया।
राज्य में कोरोना के कुल 394 मामलों में से अब तक 197 मामलों की ही पुष्टि हुई और परीक्षणों के बाद ये भी नेगेटिव पाए गए। गुरुवार सोलह अप्रेल तक के आँकड़ों के अनुसार आज हम केवल 147 मामलों में ही इलाज कर रहे हैं। जबकि 245 लोग रीकवर होकर अपने घरों में सुरक्षित पहुँच चुके हैं। इसमें 94 वर्षीय एक वयोवृद्ध भी हैं जो कि हृदय रोगी भी थे।कोरोना प्रभावित राज्यों की सूची में केरल से ऊपर नौ राज्य हैं।
राज्य में वायरस के 375 सकारात्मक मामलों के लिए कुल 26,056 प्राथमिक और माध्यमिक संपर्कों का पता लगाया गया और उनकी भी जांच की गई। केरल में 60 वर्ष से ऊपर की उम्र के 42 लाख से अधिक बूढ़े लोग होने के बावजूद बेस्ट पार्ट यह रहा कि सरकार और लोगों की जागरूकता के कारण केवल 2 लोगों की मौत हुई है।
राज्य में कोविड नियंत्रण और देखरेख समीक्षा आदि के लिए चोबीसों घण्टे चार नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहे हैं। इनमें स्वास्थ्य,श्रम,आपदा प्रबंधन और चिकित्सा उपकरणों तथा खाद्य एवं रसद आपूर्ति की निगरानी और अंतरराज्यीय मुद्दों के लिए अलग अलग नियंत्रण कक्ष बनायें गए हैं।
डॉ. विश्वास मेहता को राज्य में कोविड सम्बन्धी सभी ऑपरेशंस के सह प्रभारी के रूप में नामित किया गया है। राज्य के मुख्य सचिव और सभी महत्वपूर्ण सचिव प्रतिदिन दोपहर 12 बजे बैठक कर रणनीति पर चर्चा करते हैं और मुद्दों को हल करते हैं।
मुख्यमंत्री शाम 4 बजे सभी प्रभारी अधिकारियों से मिल कर काम का फ़ीड बैक लेते है और आवश्यक दिशा- निर्देशभी देते है।हर दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पावर पोईंट प्रस्तुतियां दी जाती हैं और विशिष्ट मुद्दों को उठाया जाता है ।इसके बाद शाम 6 बजे नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जाती है।
इस प्रकार केरल सरकार का यह संकल्प है कि कोरोना के विरुद्ध जंग के समाप्त होने तक राज्य में कोई भी चैन से नहीं बैठेगा और अन्य विपदाओं की तरह इस पर भी राज्य को अवश्य ही विजय मिलेगी।
केरल सरकार द्वारा कोरोना (COVID-19) से की जा रही जंग (Kerala Fights Corona) की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्न प्रकार हैं:-
1. दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर। विश्व औसत -5.75% भारत में
2. 83% और केरल में -0.58%
2. जनसंख्या घनत्व के आधार पर भारत में सबसे अधिक कोविड परीक्षण।
3. कोविड परीक्षण कियोस्क (WISK) स्थापित करने वाला भारत का पहला राज्य।
4. भारत में प्लाज्मा थेरेपी (कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी) आज़माने में प्रथम । दुनिया के कई देशों से पहले प्रयोग करने वाला राज्य।
5. हर जिले में कम से कम दो विशेष कोविड अस्पताल हैं।
6. महामारी नियंत्रण पर कानून बनाने वाला भारत का पहला राज्य। (केरल महामारी रोग अधिनियम)
7. टेली मेडिसिन शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य।
8. भारतीय डायस्पोरा के लिए टेली मेडिसिन, विशेषज्ञ परामर्श प्रदान करने वाला भारत का पहला राज्य।
9. “बिना भोजन के कोई नहीं” – पूरे राज्य में 1400 से अधिक सामुदायिक रसोई शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य।
10. भारत में प्रवासी श्रम शिविरों की सबसे अधिक संख्या – 5500 से भी अधिक।
11. पूरे भारत में 22567 में से 15541 कोविड कैंप और शेल्टर केरल में हैं।
12. 24 घंटे के भीतर युद्धस्तर पर 300+ डॉक्टरों और 400+ स्वास्थ्य निरीक्षकों की नियुक्ति करने वाला भारत का पहला राज्य।
13. 20हज़ार करोड़ रु. की वित्तीय सहायता के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करने वाला भारत का पहला राज्य।
14. एपीएल / बीपीएल में किसी भी भेदभाव के बिना एक महीना मुफ़्त भोजन प्रदान करने वाला भारत का पहला राज्य।
15. ” कोरोना वायरस चेन को तोड़ो” अभियान – भारत में पहली बार हाथ धोने, स्वच्छता और सामाजिक दूरी के नियम की पालना करवाने वाला पहला राज्य ।
16. आंगनवाड़ी केंद्रों (किड़नगार्डन)के लिए घर पर मिड डे मील प्रदान करने वाला भारत का पहला राज्य।
17. लॉकडाउन स्थिति के लिए इंटरनेट बैंडविड्थ और कनेक्टिविटी का विस्तार करने वाला भारत का पहला राज्य।
18. सीएम पिनाराई विजयन की रणनीतिक सोच किसी भी सीईओ – से बेहतर और तेज है: मुंबई मिरर – टाइम्स ग्रुप की टिप्पणी ।
19. “केरल आज क्या सोचता है, उसे कल देश को भी सोचना चाहिए! ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को यह देखकर अच्छा लगता है! “राजदीप सरदेसाई – इंडिया टुडे की टिप्पणी।
20. सीएम पिनाराई विजयन- द स्टैंडआउट परफॉर्मर, सीजंड एडमिनिस्ट्रेटर – एडिटोरियल बाय-द इंडियन एक्सप्रेस की टिप्पणी।
21. “क्यों सीधे-सीधे बात करने वाले पिनाराई विजयन और एंड्रयू कुओमो को प्रशंसा मिल रही है जिसके वे हकदार हैं” द टेलीग्राफ की टिप्पणी।
22. “आक्रामक परीक्षण, कांटैक्टस ट्रैकिंग (संपर्क अनुरेखण), पका हुआ भोजन” – भारतीय राज्य केरल ने अपने कोरोनावायरस कर्व को कैसे समतल किया- वाशिंगटन पोस्ट की टिप्पणी।
23. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दैनिक स्थिति विश्लेषण करने वाला भारत का पहला राज्य।
24. देश का पहला राज्य जहाँ मुख्यमंत्री प्रतिदिन स्वास्थ्य और राजस्व और मुख्य सचिव सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षात्मक उपायों और कार्यक्रमों पर दैनिक स्थितिजन्य ब्रीफिंग आयोजित करते है।
25. भारत में सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं (सूची में पहली 13 संख्या केरल की है)
26. “ए केरल मॉडल ‘अनुकरण के योग्य है- डेक्कन हेराल्ड की टिप्पणी।
आयुष मन्त्रालय द्वारा जारी किए गये दिशा निर्देशों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई अपील के संदर्भ में डॉ.विश्वास मेहता बताते है कि राज्य सरकार पहले से ही इसका संज्ञान ले रही है ।
वैसे भी तक़रीबन शत प्रतिशत शिक्षित केरल राज्य के जन-जन और जन जीवन में आयुर्वेद रची बसी हुई है ।
उन्होंने कहा कि यहाँ जीरा मिश्रित गर्म पानी पीना और आयुर्वेद को जीवन पद्धति का हिस्सा बनायें रखना हर व्यक्ति की जीवनचर्या का अभिन्न अंग है।
उन्होंने कहा कि वे खुद भी इसे अपनाते है। आयुर्वेद थेरेपी के कारण केरल न केवल देश में वरन पूरे विश्व में मेडिकल पर्यटन के लिए मशहूर है। साथ ही केरल के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की स्किल ने भी देश विदेश के हर इलाक़े में अपनी धाक जमा रखी हैं।
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