वाशिंगटन, 22 अप्रैल। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उभरती अर्थव्यवस्थाएं काफी महत्वपूर्ण हो गई हैं और वैश्विक वृद्धि में 75 प्रतिशत से अधिक का योगदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत वैश्विक प्रमुख प्रेरक रहा है और भारत की अनुमानित वृद्धि दर 2016-17 के 7.1 की तुलना में 2017-18 में वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि दर सुदृढ़ बनी हुई है, मुद्रा स्फीति में कमी आई है, वित्तीय समझदारी बनी हुई है और चालू खाता घाटा नीचे है। उन्होंने कहा कि भारत ने मजबूत ढांचागत सुधार के उपाय किए हैं।
फोटो: वित्त मंत्री अरुण जेटली इंडोनेशिया की वित्त मंत्री मुलयानी इंद्रावती से मुलाकात करते हुए।
जेटली शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में जी -20 के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। विभिन्न सत्रों में सुदृढ़ अफ्रीका, वित्तीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन,अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना तथा वैश्विक वित्तीय शासन पर चर्चा हुई।
मंत्री ने की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “भारत की विकास दर लचीली रहेगी। जीएसटी लागू होने से करों की जटिलता कम होगी और भारत आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के अनुमान के मुताबिक एक समान बाजार बनेगा।” उन्होंने कहा कि देश की मध्यम अवधि की विकास दर आठ फीसदी से अधिक होगी।
जेटली ने कहा कि अमीर देशों के पास बड़ी जिम्मेदारी है कि वे आईएमएफ को समर्थन दें, ताकि गरीब देशों को बैंक ज्यादा मदद मुहैया करा सकें।
उन्होंने इसके अलावा इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के वित्त मंत्रियों से अलग से मुलाकात की।
वित्त मंत्री अरुण जेटली अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) तथा विश्व बैंक की स्प्रिंग बैठकों में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी की सरकारी यात्रा पर हैं। उनके साथ भारतीय रिजर्व बैक के गवर्नर डा. उर्जित पटेल, वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव शक्तिकांत दास, मुख्य आर्थिक सलाहकार डा. अरविंद सुब्रमण्यम तथा अन्य अधिकारी गए हैं।
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