विश्व में नारियल उत्पादन और उत्पादकता में भारत अग्रणी देश है। हमारा वार्षिक नारियल उत्पादन 20.82 लाख हेक्टर से 2395 करोड़ नारियल है और उत्पादकता प्रति हेक्टर 11505 नारियल है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में नारियल का योगदान करीब 27900 करोड़ रुपए है।
वर्ष 2016-17 में हमारे देश से 2084 करोड़ रुपए मूल्य के नारियल उत्पादों का निर्यात किया गया है। हमारे देश में एक करोड़ से अधिक लोग अपनी जीविका चलाने के लिए इस फसल पर निर्भर करते हैं।
नारियल विकास बोर्ड का लक्ष्य है कि नारियल किसानों को नारियल के उत्पादन, प्रक्रमण, विपणन और नारियल एवं मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात में सहायता देकर भारत को नारियल के उत्पादन, उत्पादकता, प्रसंस्करण एवं निर्यात में अग्रणी बनाना।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने शनिवार को पटना में केंद्र सरकार के अधीन नारियल विकास बोर्ड के किसान प्रशिक्षण केंद्र एवं क्षेत्रीय कार्यालय भवन के लोकार्पण के अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 की शुरुआत में ही भारत से मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका को नारियल तेल का निर्यात करने लगा है जहां से हम पिछले वर्षों में आयात कर रहे थे। डेसिक्केटड नारियल का भी भारत से यह पहली बार वर्ष 2016 से बडी मात्राओं में यूएस और यूरोप में निर्यात हो रहा है।
सिंह ने कहा कि बिहार में वास भूमि में भी अच्छी तरह देखभाल करके नारियल की खेती की जा सकती है। अभी बिहार में 14,900 हेक्टेयर में नारियल की खेती होती है। लेकिन बोर्ड के अनुमान के मुताबिक बिहार में तकरीबन 50 हजारहेक्टेयर क्षेत्र में सिंचित स्थिति में नारियल की खेती हो सकती है। ऐसे में किसान प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग लेने वाले किसान नारियल की खेती की ओर उन्मुख हो सकेंगे। साथ ही नारियल के उत्पादन में बढ़ोतरी होने पर राज्य में लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
नारियल आधारित विभिन्न उत्पाद जैसे नारियल चिप्स, नारियल दूध, नारियल शक्कर, नारियल नीरा, डाब, नारियल शहद नारियल गुड़, नारियल दूध शेक, नारियल स्नैक्स विर्जिन नारियल तेल, नारियल नेचुरल क्रीम, नीरा कुकीज समेत अन्य उत्पादों के बनाने में काफी लोगों को रोजगार मिलेगा।
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