नई दिल्ली, 3 दिसम्बर | भारत और कतर ने शनिवार को चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें वीजा, साइबर स्पेस और निवेश प्रमुख हैं। इन समझौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कतर के समकक्ष शेख अब्दुल बिन नासिर बिन खलीफा अल थानी की अगुवाई में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद हस्ताक्षर किए गए।
सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की और मौजूदा निवेश और सहयोग और व्यापार का क्षमता से काफी कम होना स्वीकार किया।
एक सूत्र ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के अवसंरचना और ऊर्जा क्षेत्र में कतरी निवेश के लिए उपलब्ध जोरदार अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को और खोलने तथा एफडीआई का स्वागत करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी।”
मोदी और अलथानी ने सहयोग बढ़ाने के लिए नागरिक उड्ढयन क्षेत्र को प्रमुख क्षेत्र माना। मोदी ने कहा कि भारत सालाना 80 लाख टन यूरिया का आयात करता है और कतर के साथ इसके दीर्घकालिक समझौते का स्वागत करेगा।
वहीं, कतरी प्रधानमंत्री ने भारत को खाड़ी देशों में 2022 में होनेवाले फीफा बर्ल्ड कप की तैयारी में अवसंरचना क्षेत्र में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
सूत्र ने बताया, “ऊर्जा सहयोग पर मोदी ने कहा कि हमें क्रेता-विक्रेता संबंध से आगे बढ़कर संयुक्त उद्यम, संयुक्त शोध व विकास तथा संयुक्त अन्वेषण पर आगे बढ़ना चाहिए।”
दोनों नेताओं ने मनी लांडरिंग और आंतकवादियों को वित्तीय मदद रोकने के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
इस बैठक में इराक, सीरिया और यमन के सुरक्षा हालत पर भी चर्चा की गई।
इसमें से एक समझौता राजनयिक पासपोर्ट, विशेष और आधिकारिक पासपोर्ट रखने वालों को एक-दूसरे देशों में वीजामुक्त यात्रा की अनुमति देता है।
भारत और कतर के गृह मंत्रालय के बीच साइबर अपराध से लड़ने के लिए तकनीकी सहयोग के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए।
साथ ही दोनों देशों के व्यापारियों और पर्यटकों को ई-वीजा मुहैया कराने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। सुप्रीम कमेटी ऑफ डिलीवरी एंड लीगेसी ऑफ कतर तथा भारतीय उद्योग परिसंघ के बीच व्यापारिक भागीदारी को लेकर समझौता हुआ।
अलथानी शुक्रवार को भारत पहुंचे। पिछले दो सालों में भारत और खाड़ी देशों के बीच उच्चस्तरीय प्रतिनिमंडल का यह तीसरा दौरा है।
–आईएएनएस
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