बेनॉलिम (गोवा), 17 अक्टूबर | भारत ने सोमवार को कहा कि अपनी आतंक परस्त नीतियों की वजह से पाकिस्तान आज अलग-थलग पड़ गया है। साथ ही कहा कि वह पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ संघर्ष में मदद करने के लिए तैयार है। भारत से उलट चीन ने पाकिस्तान का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में कई कुर्बानियां दी हैं।
गोवा में रविवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी ने नाम लिए बिना पाकिस्तान को ‘आतंकवाद की जननी’ कहा था। इसके बाद चीन ने पाकिस्तान के पक्ष में बयान जारी किया।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत का कूटनीतिक अभियान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के साथ-साथ हुए बे आफ बेंगाल इनीशिएटिव फार मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोआपरेशन (बिम्सटेक) सम्मेलन में भी जारी रहा।
बिम्सटेक के नेताओं ने सोमवार को ब्रिक्स देशों के साथ हर क्षेत्र में, खासकर आतंकवाद से निपटने में और अधिक सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
एक संयुक्त बयान में बिम्सटेक नेताओं ने आतंक को महिमामंडित करने के किसी भी प्रयास का विरोध करते हुए कहा कि आतंकवाद क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए सभी खतरों में सबसे बड़ा खतरा है।
बयान में कहा गया है कि किसी भी आधार पर आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता। बयान में क्षेत्र में हाल में हुए वीभत्स आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की गई है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीरी आतंकी कमांडर बुरहान वानी को शहीद बताते हुए कहा था कि उसने कश्मीर की आजादी के लिए जान दी। इस संदर्भ में बिम्सटेक के साझा बयान में कहा गया है, “आतंकियों का शहीद की तरह गुणगान नहीं किया जाना चाहिए।”
बयान में कहा गया है कि उन राज्यों की पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।
बिम्सटेक के बयान के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान अपनी नीतियों की वजह से अलग-थलग पड़ा है और इसमें भारत की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने कहा कि दक्षेस देशों ने बातचीत के लिए उपयुक्त माहौल न होने का हवाला देते हुए इस्लामाबाद में इस साल आयोजित होने वाले दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार किया।
स्वरूप ने कहा, “हम इन मुद्दों पर चर्चा नहीं करते। यदि कोई देश अलग-थलग होता है, तो वह अपनी नीतियों की वजह से होता है। भारत का इससे कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि दक्षेस के संदर्भ में सभी देशों ने एक सुर में कहा है कि आतंकवाद के कारण बिगड़े माहौल में रचनात्मक बातचीत नहीं हो सकती।”
स्वरूप दक्षेस सम्मेलन को रद्द कर पाकिस्तान को अलग-थलग करने में भारत की सफलता से संबंधित सवाल का जवाब दे रहे थे।
उधर, चंडीगढ़ में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर सहित पूरे पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान की मदद के लिए भारत तैयार है।
यहां क्षेत्रीय संपादकों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद की फैक्ट्री बंद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “भारत, पाकिस्तान का बुरा नहीं चाहता। पाकिस्तान ने आतंकवाद को राष्ट्र नीति के तौर पर अपना लिया है और इसे बढ़ावा दे रहा है। यही कारण है कि वह केवल दक्षिण एशिया में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अलग-थलग हो गया है।”
ब्राजील ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाइयों का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल तेमेर से मुलाकात की। उन्होंने तेमेर को आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का समर्थन करने के लिए और संयुक्त राष्ट्र में पेश की गई प्रमुख आतंकवाद रोधी पहल ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि’ (सीसीआईटी) के प्रस्ताव को स्वीकार करने पर भी धन्यवाद दिया।
लेकिन, चीन ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
बीजिंग में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने संवाददाताओं से कहा कि चीन व पाकिस्तान हर मौसम के दोस्त हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद से मुकाबले में कई बलिदान दिए हैं।
हुआ चुनिंग ने कहा, “हम आतंकवाद को किसी खास धर्म या समुदाय से जोड़ने के खिलाफ हैं। मुद्दे पर हमारा यह रुख लंबे समय से चला आ रहा है।”
उन्होंने कहा, “हर कोई जानता है कि भारत व पाकिस्तान आतंकवाद से पीड़ित हैं। पाकिस्तान ने आतंकवाद से निपटने में कड़ा प्रयास व बड़ा बलिदान दिया है। मुझे लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इसे मान्यता देनी चाहिए।”
इस्लामाबाद से मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान ने भारत के आरोपों पर पलटवार किया है। पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ब्रिक्स और बिम्सटेक देशों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत को आतंकवाद से मुकाबला करने के बारे में बात करने का नैतिक आधार नहीं है, क्योंकि वह खुद कश्मीर में आतंकवाद में संलिप्त है।
अजीज ने यह प्रतिक्रिया गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी के बयान के बाद दी, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री ने नाम लिए बिना पाकिस्तान को ‘आतंकवाद की जन्मभूमि’ की संज्ञा दी थी।
अजीज ने कहा, “भारतीय नेतृत्व जम्मू एवं कश्मीर में अपनी ज्यादतियों को छिपाने की व्यग्रता से कोशिश कर रहा है, जहां सुरक्षा बलों द्वारा रोजाना निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं और घायल हो रहे हैं।”
–आईएएनएस
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